आरएसएस ने मनाया शरद पूर्णिमा उत्सव, समरसता का दिया परिचय
NAWADA NEWS.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नवादा इकाई की ओर से छह अक्तूबर की देर शाम शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया. कार्यक्रम को सामाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में देखा गया. कार्यक्रम की शुरुआत संघ के ध्वजारोहण से हुआ.
प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नवादा इकाई की ओर से छह अक्तूबर की देर शाम शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया गया. कार्यक्रम को सामाजिक समरसता के प्रतीक के रूप में देखा गया. कार्यक्रम की शुरुआत संघ के ध्वजारोहण से हुआ. बाद में विभिन्न खेलों के माध्यम से संघ के स्वयंसेवकों ने आनंद लिया.इसके बाद संघ के सह क्षेत्र कार्यवाह विनेश प्रसाद ने कहा कि पूर्णिमा पूर्णता का प्रतीक होता है. शरद पूर्णिमा पूर्णता के साथ अमृत पान करने का यह एक उत्सव है. उन्होंने कहा कि आज के दिन वाल्मीकि जयंती भी है. वाल्मीकि ने अपने व्यक्तित्व को राम के प्रति समर्पित कर एक वंचित समाज में जन्म लेने के बावजूद भी रत्नाकर डाकू से महर्षि वाल्मीकि बन राम के प्रति समर्पित होकर रामायण लिख डाला.विनेश प्रसाद ने कहा भारत में छुआछूत, वर्ग विभेद, जातिवाद के कारण ही हिंदू समाज को पतन का सामना करना पड़ा और देश गुलाम रहा. शरद पूर्णिमा के दिन ही भगवान कृष्ण ने रास रचाया था. इसी दिन समुद्र मंथन भी हुआ था. समुद्र मंथन में निकले विष को भगवान शिव ने ग्रहण कर इस धरती को बचाया और समाज कल्याण के लिए लोगों को अमृत दिया. उन्होंने संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में कहा कि संघ समाज के हर क्षेत्र में प्रभाव डालते हुए राष्ट्रीय जागरण करने का कार्य कर रहा है. 21वीं सदी भारत के उज्जवल भविष्य की सदी है इसलिए इस राष्ट्र के उत्थान में हम सभी को तन, मन, धन से समर्पित होकर कार्य करना होगा. कार्यक्रम के अंत में अमृत रूपी खीर खाकर समरसता का परिचय दिया. कार्यक्रम में विभाग संघचालक डॉ अशोक कुमार, नगर संघचालक हरिश्चंद्र मेहता, जिला प्रचार प्रमुख कवि दयानन्द प्रसाद गुप्ता, व्यवस्था प्रमुख नवीन कुमार, मुख्य शिक्षक संदीप कुमार, मधुसूदन प्रसाद समेत कई लोगों ने भाग लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
