Bihar Election 2025: नवादा जिले में आधी आबादी बनी निर्णायक, मतदान के दिन फिर दिखेगा महिला वोटरों का पावर

Bihar Election 2025: जिले में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिये हैं. जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों रजौली, हिसुआ, नवादा, गोविंदपुर, वारिसलीगंज में कुल मिलाकर 8 लाख 17 हजार 931 महिला वोटर हैं, जबकि 8 लाख 98 हजार 253 पुरुष वोटर हैं.

By Ashish Jha | November 3, 2025 11:09 AM

Bihar Election 2025: मनोज मिश्रा, नवादा. महिला मतदाताओं पर सभी पार्टियों की नजर है. नारी शक्ति को अपने पाले में करने के लिए एनडीए व महागठबंधन लगातार घोषणाओं की झड़ी लगाये हुए है. दरअसल, पिछले कुछ चुनावों से पुरुषों से ज्यादा महिलाएं मतदान करती हैं. महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहा है. यही वजह है कि तमाम राजनीतिक पार्टियों की नजर महिला मतदाताओं को रिझाने पर है. जिले में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों ने महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिये हैं. जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों रजौली, हिसुआ, नवादा, गोविंदपुर, वारिसलीगंज में कुल मिलाकर 8 लाख 17 हजार 931 महिला वोटर हैं, जबकि 8 लाख 98 हजार 253 पुरुष वोटर हैं.

Bihar Chunav : पांच सीट में से तीन पर महिला उम्मीदवार

हिसुआ विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 74 हजार 80 सबसे ज्यादा महिला वोटर हैं, जबकि गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 49 हजार 168 सबसे कम महिला वोटर है. प्रत्याशी उतारने में एनडीए व महागठबंधन ने नवादा जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में आधी आबादी को बड़ा महत्व दिया है. एनडीए ने वारिसलीगंज से भाजपा की अरुणा देवी, गोविंदपुर में लोजपा आर से विनीता मेहता और नवादा विधानसभा क्षेत्र से जदयू की विभा देवी को टिकट दिया है. वहीं, महागठबंधन में राजद ने रजौली से पिंकी भारती, गोविंदपुर से पूर्णिमा यादव, वारिसलीगंज से अनिता और हिसुआ से कांग्रेस की नीतू सिंह को टिकट दिया है.

Bihar Chunav : महिलाओं और बच्चियों के लिए शिक्षा व सुरक्षा बड़ा मुद्दा

एक और जहां महिलाओं और बच्चियों का वोट करने का प्रतिशत ज्यादा होता है, वहीं शिक्षा को लेकर काफी असंतोष देखा जा रहा है. आपको बताते चलें कि महिलाओं की शिक्षा के लिए जिले में एकमात्र सरकारी कॉलेज है. जबकि दो प्राइवेट महिला कॉलेज हैं. नवादा विधानसभा क्षेत्र में आरएमडब्लू कॉलेज है.वहीं हिसुआ और वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र में एक-एक प्राइवेट महिला कॉलेज है. महिलाओं में सरकारी कॉलेज नहीं होने से असंतोष है. सभी विधानसभा क्षेत्रों में महिला कॉलेज होने की मांग हमेशा देखने को मिलती है.

Bihar Chunav : महिला वोटरों को लुभाने की रणनीति

विधानसभा चुनाव में इस बार भी राजनीतिक दल महिलाओं को आकर्षित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. सरकारी योजनाओं और आर्थिक सहायता के जरिये महिला मतदाताओं को साधने का प्रयास जारी है, लेकिन जब बात टिकट वितरण की आती है तो तस्वीर पूरी तरह बदल जाती है. हालांकि टिकटों में कमी के बावजूद, सभी दल महिला वोटरों को अपने पाले में करने की कवायद में जुटे हैं. एनडीए की सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना जैसी पहल के तहत करीब 1.25 करोड़ महिलाओं के खाते में 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी है. इसके अलावा, पुलिस भर्ती में 35% और पंचायत प्रतिनिधित्व में 50% आरक्षण लागू किया गया है. वहीं, महागठबंधन ने भी महिला वोट बैंक को साधने के लिए ‘माई-बहन मान योजना’ की घोषणा की है, जिसके तहत हर महिला को प्रति माह 2,500 रुपये देने का वादा किया गया है.

Bihar Chunav : आंकड़ों पर एक नजर

विधानसभा क्षेत्र महिला वोटर

रजौली 1, 57, 833
हिसुआ 1, 74, 080
नवादा 1, 73, 872
गोविंदपुर 1, 49, 168
वारिसलीगंज 1, 62, 978
कुल 8 ,17, 931

Bihar Chunav : वोट को लेकर क्या कहती हैं महिलाएं

हर महिला के जीवन पर चुनी हुई सरकार का प्रभाव पड़ता है. हर नागरिक के लिए आम चुनाव बड़ा अवसर है कि अपने लिए वह सरकार चुनें, जो जीवन में बदलाव लाये. बदलाव तब आयेगा, जब शिकायतें छोड़कर मतदान करेंगे. वर्तमान सरकार सुरक्षा व रोजगार के अवसर दे रही है.
नेहा कुमार, न्यू एरिया, बुटिक संचालिका.

हर क्षेत्र में आज महिलाएं निर्णय लेने में सक्षम हैं. हमें वही सरकार चाहिएख् जो महिलाओं को रोजगार, शिक्षा, व अन्य तरह की मदद कर सके. हमें हमारी सुरक्षा प्रदान करने वाली सरकार चाहिए.
पल्लवी वर्मा, इंफ्लूएंसर, आंबेडकर नगर.

महिलाओं की सबसे बड़ी जरूरत किचन से जुड़ी होती है. हमारे यहां शिक्षा और सुरक्षा की समस्या है. जिला में एक भी अच्छा कॉलेज लड़कियों के लिए नहीं है. लड़कियां जब पढ़ेंगी नहीं, तो बढ़ेगी कैसे.
निक्की कुमारी, गृहिणी, न्यू एरिया

समाज में विकास के मुख्य मुद्दे के साथ सुरक्षा और रोजगार की भी आवश्यकता है. महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी बराबर भी नहीं मिलती है. जब महिलाएं हवाई जहाज चला सकती हैं, तो देश क्यों नहीं.
पूजा कुमारी, गृहिणी, सिरदला

चुनाव के समय महिलाओं के मुद्दे गौण हो जाते हैं. आज भी महिलाएं परिवार की चहारदीवारी को पार करके स्वतंत्र होकर काम नहीं कर पा रही हैं. जिले में महिलाओं को प्रशिक्षित करके रोजगार से जोड़ने की योजनाओं को प्रभावी बनाने की जरूरत है.
प्रीति भोजपुरी, गृहिणी, गोला रोड

महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार दिखती है. योजना का लाभ सभी जरूरतमंद महिलाओं को मिले. चुनाव में वोट के समय किये वादों को नेता निभाये, तो विकास की गति काफी तेज होगी.
रानी सिंह, बिजनेस वुमन, कदमकुंआ, गोला रोड.

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