Bihar Bhumi: रैयतों को परिमार्जन प्लस पोर्टल से भी नहीं मिल पा रही राहत, दोबारा आवेदन करने को कहा जा रहा

Bihar Bhumi: बिहार में रैयतों को जमाबंदी सुधार के लिए बनाए गए परिमार्जन प्लस पोर्टल से राहत नहीं मिल पा रही है. आवेदन करने के बाद भी सुधार लंबित है. गलतियां बताकर आवेदनों को लौटाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों की परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं.

By Paritosh Shahi | September 12, 2025 4:18 PM

Bihar Bhumi: बिहार में जमीन से जुड़े जमाबंदी सुधार को लेकर रैयतों की परेशानी लगातार बढ़ रही है. सरकार ने इसके लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल शुरू किया था ताकि लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकें और प्रक्रिया आसान हो सके. लेकिन नए पोर्टल पर डेढ़ महीने से आवेदन अटके रहने के कारण लोग निराश हो रहे हैं.

लोगों ने बताई परेशानी

कई रैयतों का कहना है कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज लगाकर आवेदन किया, फिर भी सुधार नहीं हो रहा है. पोर्टल पर बार-बार यह संदेश आता है कि आवेदन में त्रुटि है और इसे वापस कर दिया गया है.

लोगों ने बताया कि उन्होंने साइबर कैफे और वसुधा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ. कुछ रैयतों ने यह भी कहा कि तीन-चार महीने पहले उन्होंने आवेदन किया था, फिर भी अब उन्हें दोबारा परिमार्जन प्लस पर आवेदन करने को कहा जा रहा है.

क्या बोले सीओ

अंचलाधिकारी (CO) मणिकांत कुमार ने बताया कि अब तक 1500 आवेदन आए हैं. इनमें से 602 आवेदनों का काम पूरा हो गया है, जबकि 307 आवेदन में अलग-अलग प्रकार की गलतियां मिली हैं, इसलिए उन्हें रैयतों के लॉगिन पर वापस कर दिया गया है. 591 आवेदन की जांच अभी चल रही है. उन्होंने कहा कि जिनका आवेदन वापस हुआ है, वे अपने लॉगिन पर जाकर गलती सुधारें और दोबारा आवेदन करें. सुधार के बाद जमाबंदी अपडेट हो जाएगी.

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दावा था- आसान हो जाएगी प्रक्रिया

सरकार ने दावा किया था कि परिमार्जन प्लस पोर्टल से प्रक्रिया आसान हो जाएगी और लोगों को कार्यालय नहीं आना पड़ेगा. पहले जमाबंदी सुधार या डिजिटाइजेशन के लिए लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. इसी को देखते हुए नया पोर्टल बनाया गया था. इसमें लोग अपने दस्तावेज और शपथ पत्र लगाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

हकीकत यह है कि आवेदन लंबित रहने और बार-बार वापस किए जाने से रैयतों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं. तीन महीने का समय मिलने के बावजूद शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. लोगों का कहना है कि विभाग जल्द ही कोई ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि जमाबंदी सुधार की प्रक्रिया सच में आसान बन सके.

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