रांची : बिहार के मरीज शत्रुघ्न की स्थिति ठीक, शनिवार को ऑपरेशन संभव

रांची/नालंदा: झारखंड के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की उचित देखभाल नहीं होने की शिकायतों के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद यहां रिम्स में इलाज करा रहे बिहार के मरीज शत्रुघ्न साव की स्थिति अब ठीक है और उनकी बांयी जांघ में फ्रैक्चर का ऑपरेशन शनिवार को किये जाने की संभावना है. रांची […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2020 10:56 PM

रांची/नालंदा: झारखंड के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की उचित देखभाल नहीं होने की शिकायतों के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद यहां रिम्स में इलाज करा रहे बिहार के मरीज शत्रुघ्न साव की स्थिति अब ठीक है और उनकी बांयी जांघ में फ्रैक्चर का ऑपरेशन शनिवार को किये जाने की संभावना है. रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे ने आज ट्वीट कर यह जानकारी दी. उपायुक्त महिमापत ने बताया, ‘‘मरीज की स्थिति स्थिर है. उनकी बांयी जांघ में फ्रैक्चर पाया गया है. यदि सारी जांच की रिपोर्ट ठीक आयी तो शनिवार को उनका ऑपरेशन किया जायेगा.”

इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की उचित देखभाल नहीं होने की शिकायत पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंगलवार को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया था कि डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के बदले समस्या के निदान पर जोर दें. सरकारी प्रवक्ता ने बताया था कि मुख्यमंत्री को ट्वीट कर बताया गया था कि बिहार के एकंगरसराय निवासी 60 वर्षीय शत्रुघ्न साव की सड़क दुघर्टना में बाएं पैर के जांघ की हड्डी टूट गयी थी. हादसे के बाद उन्हें सदर अस्पताल कोडरमा में इलाज हेतु भर्ती किया गया था.

ट्वीट में आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन उनके बेहतर इलाज को प्राथमिकता न देकर उनके परिजनों की प्रतीक्षा करता रहा. मुख्यमंत्री ने इस घटना पर नाराजगी प्रकट करते हुए राज्य के सभी अस्पतालों में मरीजों का इलाज संवेदनशीलता के साथ करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि अज्ञात मामलों में परिजन का पता लगाकर संपर्क करना पुलिस का दायित्व है और डॉक्टर हर मरीज के बेहतर से बेहतर इलाज पर ही अपना ध्यान दें. मुख्यमंत्री ने रिम्स में इलाजरत शत्रुघ्न साव का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश रिम्स प्रबंधन को दिया था साथ ही उन्होंने रांची के उपायुक्त को मरीज के इलाज के बाद उसे बिहार स्थित उनके पैतृक निवास भेजने की व्यवस्था करने को भी कहा था.