बिना टेंडर हो रहा 15 लाख से अधिक की योजनाओं का काम, जांच के आदेश

बिना टेंडर हो रहा 15 लाख से अधिक की योजना

By Prabhat Kumar | September 20, 2025 7:58 PM

पंचायती राज विभाग के नियमानुसार, ₹15 लाख से अधिक की योजनाओं के लिए टेंडर अनिवार्य

मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर

पंचायती राज विभाग ने पंचायतों में हो रहे मनमाने कार्यों पर कड़ा संज्ञान लिया है. विभाग के सचिव ने जिलाधिकारी को तीन योजनाओं की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. ये सभी योजनाएं 15 लाख रुपये से अधिक की है और इनका काम बिना टेंडर निकाले ही शुरू करवा दिया गया था, जो कि नियमों के बिल्कुल विपरीत है.

क्या है पूरा मामला?

विभागीय नियमानुसार, 15 लाख रुपये से अधिक की किसी भी योजना का कार्य शुरू कराने से पहले उसका टेंडर निकलवाना अनिवार्य है. लेकिन, मड़वन और सकरा प्रखंड में इस नियम को ताक पर रखकर काम किया जा रहा था. मामले का खुलासा होने के बाद पंचायती राज विभाग के सचिव ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजकर जांच और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. जांच में उन सभी पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी, जिनकी लापरवाही के कारण यह अनियमितता हुई है. उन पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है.

इन योजनाओं की होगी जांच

मड़वन : भटौना पंचायत के वार्ड 13 में रविंद्र भगत के घर से शिवचंद्र राय के घर तक 15.30 लाख की लागत से पीसीसी सड़क का निर्माण.

मड़वन : मोहम्मदपुर खाजे पंचायत के वार्ड 13 में राजीव सिंह के घर से रामप्रीत सहनी के बथान तक ₹16 लाख की लागत से सोलिंग और पीसीसी सड़क का निर्माण.

सकरा : चंदनपट्टी के सहदुल्लापुर वार्ड छह में ₹19 लाख की लागत से पीसीसी सड़क का निर्माण.

पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले

यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की अनियमितता सामने आई है. इससे पहले, गायघाट और कुढ़नी के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों ने भी 15 लाख से अधिक की योजनाओं का काम बिना टेंडर के करवाया था. उस मामले में भी विभाग के उप सचिव ने दोनों से स्पष्टीकरण मांगा था. इस नए मामले के सामने आने से यह साफ हो गया है कि नियमों का उल्लंघन कर मनमाने तरीके से काम कराने का चलन लगातार जारी है, जिस पर अब विभाग ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है