जमाबंदी की बाध्यता समाप्त होने से म्यूटेशन भी होगा आसान

With the end of the obligation of Jamabandi

By Prabhat Kumar | November 9, 2025 9:01 PM

मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर अब जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए विक्रेता के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग नंबर की बाध्यता समाप्त हो गई है, जिससे पूरी प्रक्रिया सरल और तेज हो गई है. इस फैसले से पंजीकरण अधिकारी केवल जमाबंदी के अभाव में पंजीकरण को खारिज नहीं कर सकते, जिससे मनमानी और संभावित धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पंजीकरण अधिकारी को विक्रेता से स्वामित्व का प्रमाण मांगने का कोई अधिकार नहीं है. यह आम लोगों के संपत्ति के निपटान के संवैधानिक अधिकार की सुरक्षा करता है. यह फैसला संपत्ति के लेन-देन को सरल बनाता है, खासकर उन मामलों में जहां म्यूटेशन की प्रक्रिया पुराने सर्वेक्षणों या प्रशासनिक देरी के कारण अटकी हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए संपत्ति के लेन-देन को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जमीन की रजिस्ट्री (पंजीकरण) कराने के लिए विक्रेता के नाम पर जमाबंदी या होल्डिंग नंबर का होना अब अनिवार्य नहीं है.यह निर्णय लाखों लोगों को प्रभावित करेगा, खासकर उन्हें जिनकी संपत्ति का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) पुराने रिकॉर्ड या लंबी प्रशासनिक प्रक्रियाओं के चलते लंबित था. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस पूर्व के फैसले को पलट दिया है, जिसने जमाबंदी को रजिस्ट्री के लिए आवश्यक शर्त बना दिया था. बता दें कि जिला 21 लाख से अधिक जमाबंदी के साथ बिहार में शीर्ष जिलों में से एक रहा है, जिसने डिजिटलीकरण और ऑनलाइन जमाबंदी के मामले में पटना को भी पीछे छोड़ दिया था राजस्व महा अभियान के तहत मुजफ्फरपुर में 15 लाख 53 हजार 946 जमाबंदी पंजी वितरित किए गए हैं.

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