लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर प्रशासन गंभीर, चार बूथों पर 10 फीसदी से भी कम वोटिंग
लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर प्रशासन गंभीर, चार बूथों पर 10 फीसदी से भी कम वोटिंग
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं की कम भागीदारी ने जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. जिले की 11 विधानसभा सीटों में चार मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पिछले लोकसभा चुनाव (2024) में 10 प्रतिशत या इससे भी कम मतदान हुआ था. यह निराशाजनक आंकड़ा प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिसके सुधार के लिए अब विशेष अभियान की शुरुआत कर दी गयी है. इस बार इन बूथों पर न सिर्फ बेहतर परिणाम लाना है, बल्कि मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में उल्लेखनीय सुधार भी करना है.कौन से हैं ये चार ””कमजोर”” बूथ?
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो गायघाट विधानसभा क्षेत्र में बूथ संख्या 140, औराई में बूथ संख्या 13 और 201, और बोचहां में बूथ संख्या 68 पर 10 प्रतिशत या उससे भी कम वोटिंग दर्ज की गई थी. जबकि, वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एक भी केंद्र ऐसा नहीं था जहां इतनी कम वोटिंग हुई हो. लोकसभा चुनाव में आई यह बड़ी गिरावट प्रशासन के लिए सबक है.कम मतदान के पीछे के मुख्य कारण
प्रशासन ने इन बूथों पर कम मतदान के कारणों का विस्तृत विश्लेषण किया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए हैंउच्च शिक्षा या रोज़गार के लिए युवा मतदाताओं का दूसरे राज्यों या बड़े शहरों में प्रवास करना
खासकर सुदूर क्षेत्रों में मतदान के महत्व की पूरी जानकारी न होनाशहरी मतदाताओं में मतदान को लेकर पाई जाने वाली अरुचि
मतदान के दिन रोज़गार की तलाश में रहने वाले दिहाड़ी मजदूरों का घर से बाहर होनाघर-घर दस्तक दे रहे ””जागरूकता दूत””
आंकड़ों में सुधार लाने और एक-एक मतदाता को बूथ तक पहुंचाने के लिए महाअभियान चल रहा है. इसके तहत, बूथवार मतदाताओं की सूची के अनुसार जीविका दीदियां, आंगनबाड़ी सेविकाएं और प्रशासनिक पदाधिकारी स्वयं उनके घर-घर जाकर जागरूकता फैला रहे हैं.मतदाताओं को लोकतंत्र में उनके एक-एक वोट की शक्ति के बारे में समझाया जा रहा है. साथ ही, मतदान केंद्रों पर उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं (जैसे रैंप, पेयजल, शेड आदि) और अन्य गतिविधियों की भी जानकारी दी जा रही है. प्रशासन का पूरा प्रयास है कि किसी भी तरह से इन मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जा सके, ताकि इस बार ये चार बूथ जिले के लिए ””चिंता का विषय”” न बनें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
