स्टांप बिक्री रजिस्टर मामला: कोषागार के पास साक्ष्य नहीं, अभिलेखागार में होगी खोज
स्टांप बिक्री रजिस्टर मामला: कोषागार के पास साक्ष्य नहीं, अभिलेखागार में होगी खोज
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिला कोषागार में वर्ष 1971-72 के स्टांप बिक्री रजिस्टर और उसे जिला अभिलेखागार में हस्तांतरित करने से संबंधित साक्ष्य नहीं मिलने का मामला सामने आया है. वरीय कोषागार पदाधिकारी ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को सौंप दी है.तीन सदस्यीय टीम की खोजबीन रही विफल
यह मामला तब प्रकाश में आया जब राजकुमार सर्राफ ने डीएम को आवेदन देकर इस महत्वपूर्ण रजिस्टर के न मिलने की जानकारी दी थी. डीएम के संज्ञान लेने पर, उन्होंने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया. टीम ने कोषागार कार्यालय में घंटों तक खोजबीन की और सभी दस्तावेजों को खंगाला, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई, लेकिन रजिस्टर बरामद नहीं हुआ.साक्ष्य विनष्ट होने की आशंका
वरीय कोषागार पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कार्यालय में विस्तृत खोज के बाद भी न तो रजिस्टर मिला और न ही हस्तांतरण का साक्ष्य. उन्होंने इसके लिए कई वर्षों में कोषागार कार्यालय भवन के तीन बार स्थानांतरित होने को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे साक्ष्य के विनष्ट होने की पूरी संभावना है.हालांकि, पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि साक्ष्य का प्राप्त न होना, अभिलेख जमा न कराए जाने की अस्वीकारोक्ति नहीं हो सकता. उन्होंने बताया कि इस अवधि के पूर्व एवं बाद के सभी अभिलेख जिला राजस्व अभिलेखागार में सुरक्षित हैं.रिपोर्ट में वरीय कोषागार पदाधिकारी ने डीएम के आदेश से फिर से टीम का गठन करते हुए जिला राजस्व अभिलेखागार में उक्त रजिस्टर की अंतिम खोज करवाने का अनुरोध किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
