चांदी की चैन, बाला और छल्ला की बिक्री सोने पर भारी

Sale of silver chains, earrings and rings outweighs gold

By SANJAY KUMAR | March 24, 2025 4:08 AM

चांदी की चैन, बाला और छल्ला की बिक्री सोने पर भारी

– 20 से 50 ग्राम के बाला या कड़े की जबरदस्त रहती डिमांड

– ज्योतिष आचार्य और अध्यात्म को लेकर लोगों के बीच चांदी लोकप्रिय

कुमार गौरव, मुजफ्फरपुर

सोना व चांदी की कीमत दिनों दिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में बीते कुछ महीनों में चांदी के चार आभूषण की बिक्री में काफी तेजी आयी है. इसमें चांदी के चैन, कड़ा या बाला, ब्रासलेट और अंगुली में पहनने वाला छल्ला की डिमांड खूब है. इस मुख्य कारण अध्यात्म है, ज्योतिष शास्त्र में इसे चंद्रमा का प्रतिक बताया गया है. ऐसे में युवाओं की यह पहली पसंद बन गयी है. ज्योतिष आचार्याें की माने तो इससे मन शांत रहता है. तनाव कम होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसे शीतलता देने वाली धातु माना जाता है. मन की चंचलता कम होती है, गुस्से पर नियंत्रण, आंखों से जुड़ी समस्याएं, एसिडिटी, और शरीर की जलन दूर होती है. इससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है. नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है. इसे शुक्र और चंद्रमा से संबंधित माना गया है. चांदी धन और वैभव को खींचने का काम करती है. इस तरह के कई लाभ की जानकारी दी जाती है. यही कारण है कि चांदी के इन चार आभूषण की बिक्री खूब बढ़ चली है.

युवाओं में चांदी के प्लेन चैन के साथ उसमें वह लॉकेट अपनी पसंद के अनुसार लेते है. 10- 15 से ग्राम वजन से इसकी शुरुआत हो जाती है. जिसमें रत्न से लेकर भगवान के छोटे छोटे लॉकेट होते है. बाला में प्लेन बाला से अधिक डिजाइन वाले बाले की डिमांड है, जिसमें आकर्षक डिजाइन बने होते है, ईश्वर के प्रतिक चिन्ह बने होते है. 15 – 20 ग्राम से 50 ग्राम तक बल्ले की डिमांड खूब है. विशेष ऑर्डर पर 100 से 125 ग्राम का बाला भी मंगाया जाता है. ब्रासलेट भी हल्के से वजनदार तक, कुछ में बीच में एक आकर्षक पत्थर लगा रहता है. वहीं हथेली के अंगुठे में सबसे अधिक लोग चांदी का छल्ला पहन रहे है. इसमें कोई एक तो कोई एक ही अंगुठे में दो छल्ले पहने रहते है. एक चांदी का छल्ला 3 से 4 ग्राम से शुरू हो जाता है. वहीं कई रत्न होते है जो सोने की महंगाई के कारण लोग चांदी में धारण करते है. लेकिन मोती की अंगुठी सभी लोग चांदी में ही पहनते हैं.

सर्राफा संघ के महामंत्री विश्वजीत कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में चांदी के ज्वैलरी की मांग बढ़ी है. लोग इसे शांति का प्रतीक मानते हैं और ज्योतिष आचार्य के द्वारा चांदी पहनने की सलाह दी जाती है. इस कारण लोगों के बीच चांदी की डिमांड हुई है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है