रसमाधुरी-लड्डू को दिया मोमबत्ती का रूप, सुंदरता देख तगड़ी मांग

Rasmadhuri-Laddoo given the shape of a candle

By Navendu Shehar Pandey | October 13, 2025 12:37 AM

जीविका से जुड़कर सरैया की रश्मि राज ने की थी शुरुआत सोया वैक्स से बनायी जा रहीं पर्यावरण अनुकूल मोमबत्तियां उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जीविका दीदियां ने रसमाधुरी-लड्डू को मोमबत्ती का रूप देकर इसे बेहद आकर्षक बना दिया है.ऐसे में सुंदरता देख इसकी तगड़ी मांग शहर के बाजार में देखने को मिल रही है. अब की बार दीपावली में रोशनी का नया ट्रेंड है. पर्व पर मुंह मीठा करने के साथ अब मिठाइयों के आकार जैसी मोमबत्तियां चलन में हैं. इन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं. पर्यावरण के लिए भी खतरा नहीं लड्डू, रसमाधुरी, मिल्क केक, बिस्कुट और न जाने कितनी मिठाइयों के आकार में ढली माेमबत्तियां पर्व की रौनक को दोगुना करेंगी. इन्हें सोया वैक्स से तैयार किया है. इससे ये पर्यावरण के अनुकूल बन पड़ी हैं. यह न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि इसका आकर्षक डिजाइन हर किसी को लुभा रहे हैं. शहर के स्थानीय बाजारों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी मांग है. रंग ला रही जीविका दीदियाें की मेहनत जीविका दीदियां, जो बिहार में महिला सशक्तीकरण का प्रतीक हैं, इन्होंने ही इन्हें बनाया है. इसकी शुरुआत एक साल पूर्व सरैया के गोपीधनवत पंचायत की हरपुर बिहनी गांव की रश्मि राज ने की थी. उस दरम्यान यह मोमबत्ती लोगों के आकर्षण का केंद्र तो थी, लेकिन मार्केटिंग अच्छी नहीं हुई. इस बार इसने धूम मचा दी है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से देश के विभिन्न शहरों में इसकी डिमांड हाे रही है. मुंबई में ली बनाने की ट्रेनिंग मिठाई कैंडल का निर्माण दस दीदियां साथ में कर रही हैं. रश्मि राज ने बताया कि दो वर्ष पहले मुंबई में इसे बनाने की ट्रेनिंग ली. इसके बाद यहां आकर इसकी प्रैक्टिस की. पिछले साल इसे मार्केट में लाॅन्च किया था. इस बार इसकी अच्छी डिमांड हो रही है. रश्मि ने बताया कि वह जीविका से वर्ष 2017 में जुड़ी थीं. उस वक्त जीविका संस्था में नौकरी करती थीं, लेकिन बाद में खुद का उद्यम शुरू किया.

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