एमबीए कोर्स में डुअल स्पेशिलाइजेशन लागू करने का प्रस्ताव

Proposal to implement dual specialization

By ANKIT | July 26, 2025 7:27 PM

:: कैट, मैट और जैट के बाद रिक्त सीटों पर जीडी और पीआई के आधार पर लिया जाएगा दाखिला

:: एआइसीटीई ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में एमबीए के लिए 120 सीटों पर दी है स्वीकृति

:: एकेडमिक काउंसिल के बाद विभिन्न निकायों से स्वीकृति लेकर सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में एमबीए कोर्स के लिए मान्यता विस्तारित कर दिया है. 120 सीटाें पर दाखिले के लिए परिषद ने स्वीकृति दे दी है. इसके बाद विश्वविद्यालय ने प्रबंधन विभाग की स्थापना और एमबीए कोर्स को नये तरीके से शुरू करने की दिशा में तैयारी तेज कर दी है. इस कोर्स का आर्डिनेंस रेगुलेशन तैयार किया गया है. नामांकन की प्रक्रिया से लेकर कोर्स के पैटर्न तक में बदलाव किया गया है. अब कैट और मैट के आधार पर इस कोर्स में अभ्यर्थियों का नामांकन लिया जाएगा. वहीं इसके बाद जो सीटें रिक्त बच जाएंगी. उसपर जीडी और पीआई के आधार पर नामांकन होगा. नामांकन की प्रक्रिया से लेकर सिलेबस तक तैयार कर लिया गया है. शनिवार को विश्वविद्यालय में इसको लेकर बैठक हुई. इसमें कोर्स में किये गये बदलाव की जानकारी दी गयी. विभाग शुरू करने को लेकर शिक्षक और कर्मचारियों के लिए सीटों का निर्धारण कर प्रस्ताव सरकार को भेजा जाना है. इसको लेकर कमेटी की एक और बैठक होगी. वहीं इसके बाद एकेडमिक काउंसिल और सिंडिकेट से प्रस्ताव स्वीकृत करा सरकार को भेजा जाएगा. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद अगले सत्र से इस कोर्स में दाखिला लिये जाने की उम्मीद है. विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो.बीएस राय ने बताया कि प्रबंधन विभाग की स्थापना और एमबीए कोर्स के ऑर्डिनेंस रेगुलेशन को लेकर बैठक हुई है. एक और बैठक कर इसपर अंतिम सहमति बनेगी. वहीं विश्वविद्यालय के विभिन्न निकायों से स्वीकृति लेकर इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा.

डुअल स्पेशिलाइजेशन से ये होंगे फायदे

डुअल स्पेशिलाइजेशन लागू होने से एमबीए कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा. फाइनेंस, एचआर और मार्केटिंग से एमबीए करने वाले विद्यार्थी यदि मेजर विषय के रूप में फाइनेंस और माइनर में मार्केटिंग रखते हैं. वे चाहें तो तीसरे-चौथे सेमेस्टर में वे चाहें तो वे एचआर को भी मेजर में रख सकते हैं. इससे उनकी डिग्री में डुअल स्पेशिलाइजेशन का लाभ मिलेगा. इससे पूर्व छात्र लगातार डुअल स्पेशिलाइजेशन की मांग कर रहे थे. अबतक विश्वविद्यालय संचालित हो रहे कोर्स में डुअल स्पेशिलाइजेशन लागू नहीं था. इस कारण जब दूसरे स्ट्रीम में रिक्ति निकलती थी तो एमबीए करने वाले छात्र उसमें आवेदन नहीं कर पाते थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है