अब पंद्रह दिनों के अंदर स्टैंडिंग कमेटी व निगम बोर्ड मीटिंग की प्रोसिडिंग होगी जारी
Proceedings of the corporation board meeting will be released
::: बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम, 2025 बीते 13 अगस्त से हुआ लागू
::: नगरपालिका के कामकाज को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनानयेगा संशोधित अधिनियम
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बिहार सरकार ने बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 में संशोधन के लिए एक नया अधिनियम बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम 2025 लागू किया है. राज्यपाल की अनुमति के बाद यह अधिनियम बीते 13 अगस्त से पूरे बिहार राज्य में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. इस संशोधन में कई महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं, जिनका सीधा असर नगरपालिका के कामकाज और जनता पर पड़ेगा. यह संशोधन अधिनियम बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 में बदलाव लाने के लिए लाया गया है. इसका उद्देश्य नगरपालिका के कामकाज को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है.
जाने मुख्य बदलावों को
कार्यपालक शक्तियां :
अब नगरपालिका के कार्यकारी कार्य मुख्य नगरपालिका अधिकारी में निहित होंगे. वह सशक्त स्थायी समिति की निगरानी और अधिनियम के नियमों, विनियमों के अधीन काम करेंगे.बैठक में उपस्थिति :
नगरपालिका की हर बैठक में पार्षदों और मुख्य नगरपालिका अधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी का उपस्थित होना अनिवार्य है. मुख्य नगर पार्षद की अनुमति से सीमित संख्या में दर्शक भी इन बैठकों में शामिल हो सकते हैं.बैठक की कार्यवाही :
हर बैठक की कार्यवाही को मुख्य पार्षद या बैठक की अध्यक्षता करने वाले पार्षद द्वारा बैठक की तारीख से 15 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से जारी और हस्ताक्षरित किया जायेगा.अपील का अधिकार :
यदि कोई व्यक्ति मुख्य नगरपालिका अधिकारी या राज्य सरकार के किसी अधिकृत अधिकारी के आदेश से असंतुष्ट है, तो वह 30 दिनों के भीतर संबंधित जिले के जिला न्यायाधीश के समक्ष अपील दायर कर सकता है. जिला न्यायाधीश का निर्णय अंतिम माना जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
