गाड़ी ट्रांसफर में कन्फर्मेशन के लिए वाहन मालिकों को नोटिस
Notice to vehicle owners for confirmation
– गाड़ी के सत्यापन को लेकर भेजा जाता नोटिस
– स्वयं आकर या पत्र के माध्यम से भी देते जवाबवरीय संवाददता, मुजफ्फरपुरपुराने गाड़ियों को बेचने वाहन मालिक के नाम का ट्रांसफर होता है. इसके आवेदन में आवेदक को गाड़ी के साथ खरीदार व बेचने वाले की संयुक्त फोटो देनी होती है. लेकिन इसमें कभी कभी आवेदन देने के बाद किसी बात को लेकर बेचने वाले तो कभी खरीदने वाले अनाकानी करते हैं. इसके बाद आवेदन देकर गाड़ी ट्रांसफर के आवेदन को निरस्त करने की मांग करते हैं. इसको लेकर परिवहन विभाग द्वारा गाड़ी ट्रांसफर के आवेदन देने के बाद दोनों वाहन मालिक को नोटिस भेजकर उनसे इसका कन्फर्मेशन लिया जाता है कि आप गाड़ी बेच रहे हैं और वे खरीद रहे हैं. इसमें आपको कोई आपत्ति तो नहीं है. तो इसके बाद वाहन मालिक पत्र के माध्यम से नहीं तो स्वयं कार्यालय में उपस्थित होकर कन्फर्मेशन करते हैं. इधर मामले में डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि वाहन मालिकों की शिकायत को लेकर दोनों को नोटिस भेजकर कनफर्मेशन लिया जाता है, इसके बाद ट्रांसफर की कार्रवाई की जाती है.
जब ट्रांसफर नहीं होता, जवाबदेही पहले गाड़ी के मालिक की
बहुत लोग सकेंड हैंड गाड़ी की खरीद बिक्री करते हैं. इसमें गाड़ी के बेचने के बाद गाड़ी के ऑनरशिप का ट्रांसफर कराना होता है. जब तक गाड़ी का ट्रांसफर परिवहन कार्यालय से नहीं हो जाता है तब तक उस गाड़ी की जवाबदेही पहले गाड़ी मालिक की होती है. ऐसे में अगर वाहन मालिक अपनी गाड़ी किसी को बेचते हैं तो उसी दरम्यान ऑनरशिप ट्रांसफर का आवेदन चालान कटाकर रखा करे, ताकि गाड़ी बेचने के बाद उससे कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जवाबदेही आपके ऊपर नहीं रहेगी. एक माह में छह से सात सौ आवेदन परिवहन कार्यालय में आते हैं. इसमें निजी से लेकर कॉमिर्शयल दोनों तरह के वाहन संबंधित मामले होते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
