मुजफ्फरपुर में लाखों लीटर पानी की बर्बादी पर नियंत्रण नहीं, हो सकता है जल संकट!

मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में भी हर साल गर्मी शुरू होते ही जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.

By Anand Shekhar | March 11, 2024 6:50 AM

मुजफ्फरपुर. बेंगलुरु जैसे शहर में पानी के संकट को देखते हुये गाड़ी धोने, फव्वारा चलाने सहित कई चीजों पर तत्काल बैन लगा दिया गया है. मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में भी प्रत्येक वर्ष गर्मी की धमक शुरू होते ही जल को लेकर हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. बीतें 2 वर्षों में शहरी क्षेत्र में नगर निगम के साथ निजी व व्यावसायिक सबमर्सिबल का चौतरफा जाल बिछ गया है. जिसके कारण आने गर्मी के समय में बेंगलुरु जैसी भयंकर जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी. 

दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में पानी की बर्बादी पर नगर निगम का कोई नियंत्रण नहीं है. वाहन धुलाई सर्विस सेंटर से लेकर जलापूर्ति के टूटे पाइप लाइन के कारण लाखों लीटर पानी रोज बर्बाद होता है. दूसरे शहरों में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के घरेलू कार्य के अलावा नलकूप से दूसरे कार्य के लिये जल का उपयोग नहीं कर सकते है. इसके लिये ठोस नियम बनाये गये है. लेकिन इस शहर में ऐसा नहीं है. पानी का व्यावसायिक उपयोग होने से पेयजल सप्लाई करने वाले जल स्त्रोत प्रभावित हो रहे है. 

पानी खींचने वाली मशीन से समझे आगे क्या स्थिति होगी

  • शहर का 32 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल 
  • शहर में उच्च क्षमता वाले पंपों की संख्या- 31 
  • सभी 49 वार्ड में निगम की ओर से 191 सबमर्सिबल (5 एचपी ) का लगा है. 
  • प्रत्येक वार्ड में औसतन 150 निजी सबमर्सिबल 
  • शहर में व्यावसायिक पंपों की संख्या- करीब 110 
  • निगम के 454 पब्लिक पोस्ट 
  • निगम के साधारण चापाकल – 311
  • इंडिया मार्का चापाकल – 98

54 हजार हो गये होल्डिंग 25 फीसदी में भी वाटर हार्वेस्टिंग नहीं

शहर में हाल के समय में चौतरफा पीसीसी सड़क व कालीकरण वाली सड़क का निर्माण हो चुका है. दिनों-दिन घरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार 45 हजार से बढ़ कर 54 हजार के करीब होल्डिंग की संख्या हो गयी है.  लेकिन इनमें 25 फीसदी मकान भी वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है. जिस वजह से शहरी क्षेत्र में जमीन के भीतर पानी जाने की व्यवस्था नहीं है. दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में 70 से अधिक वाहन धोने वाले सर्विस सेंटर संचालित है.  जिसमें आधा दर्जन ने ही नगर निगम से अनुमति लिया. इसको लेकर निगम सुस्त पड़ा है.  

घर के अंदर इन तरीकों से बचाये पानी

  • ब्रश करते समय, शेविंग, फेस वॉश के दौरान, सिंक में बर्तन धोते वक्त कई बार हम नल खुला रखते हैं, जिससे काफी पानी बर्बाद होता है, तो जब जरूरत हो तभी नल खोलें
  • नहाते के लिए शॉवर की जगह बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें, इससे पानी की काफी बचत होगी.
  • हर बार टॉयलेट इस्तेमाल के बाद फ्लश टैंक यूज करने की जगह बॉल्टी से पानी डालना ज्यादा अच्छा ऑप्शन है.
  • घर में कहीं पाइप लीक है, तो उसे तुरंत ठीक कराये इससे भी थोड़ा-थोड़ा करके काफी पानी बर्बाद होता है.
  • गाड़ी धोते के लिए पाइप की जगह बाल्टी व मग का यूज करें.
  • वाशिंग मशीन में रोजाना थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की जगह एक ही साथ धोना पानी की काफी बचत करता है.

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