Muzaffarpur : भगवान को मन में बसाने से जीवन में आता है परिवर्तन
Muzaffarpur : भगवान को मन में बसाने से जीवन में आता है परिवर्तन
सुपना गांव में श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ का चौथा दिन प्रतिनिधि, सरैया प्रखंड के सुपना गांव में श्री हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ सह श्रीमद्भागवत कथा यज्ञ के चौथे दिन मंगलवार की रात कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी़ इस दौरान वृंदावन के कथावाचक आचार्य श्री मणिकांत ठाकुर जी महाराज ने प्रह्लाद का चरित्र चित्रण किया. कहा कि भगवान की भक्ति में ही शक्ति है. भक्ति करनी है, तो प्रह्लाद जैसी करो. भगवान ने प्रह्लाद के लिए अवतार लेकर हिरण्य कश्यप का वध किया था. यदि भक्ति सच्ची हो तो ईश्वरीय शक्ति अवश्य सहायता करती है. भागवत कथा सुनने और भगवान को अपने मन में बसाने से व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आता है. जिस प्रकार भक्त भगवान के बिना अधूरा है, वैसे ही भगवान भी भक्त के बिना अधूरे हैं. वहीं कपिल मुनि संवाद के अनुसार, माता को उपदेश देते हुए बताते हैं कि संसार क्षणभंगुर है. यह हर क्षण बनता-बिगड़ता है. इसलिए संसार का सोचकर रुदन नहीं करना चाहिए. अपने कर्म पथ पर चलते हुए सुख-दुख रूपी फलों का स्वाद लेते हुए जीवन का निर्वह्न करना चाहिए. वहीं भीष्म पितामह के चरित्र के बारे में बताया कि मरते समय भीष्म पितामह वाणों की शैय्या पर लेटे थे़ वहीं जटायु जी मरते समय भगवान की गोद में थे. दोनों भक्त हैं, लेकिन मरते समय एक वाणों की शैय्या पर हैं और दूसरा भगवान की गोद में हैं. इसका कारण यह है कि जटायु ने सीताहरण के समय अपने सामने एक स्त्री का अपहरण होता देखकर रावण से युद्ध करने लगा, जिसमें जख्मी होने से मृत्यु शैय्या पर थे. वहीं भीष्म पितामह शक्तिशाली होने के बावजूद अपने सामने द्रोपदी की लाज की रक्षा नहीं कर पाये, जिस कारण वे वाणों की शैय्या पर पड़े हैं. वहीं रक्षा करने वाला भगवान की गोद में होता है. मौके पर मोहन चौधरी, अरुण चौधरी, शंकर चौधरी, संजय चौधरी, राजू चौधरी, निर्भय चौधरी, छोटन पासवान, मिठू पासवान, रविन्द्र चौधरी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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