अपने कार्य में संतोष और खुशी मिलना सबसे जरूरी : प्रत्यय अमृत
It is most important to get satisfaction and happiness
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
एमआइटी में बुधवार को इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के मुख्य सचिव (नामित) एवं विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत शामिल हुए. उनके साथ डीएम सुब्रत कुमार सेन, सेवानिवृत्त आइएएस केशव रंजन प्रसाद भी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए. प्राचार्य डॉ एमके झा के साथ अतिथियाें ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. डॉ मनोज कुमार ने मुख्य अतिथि का परिचय कराया. मुख्य अतिथि प्रत्यय अमृत ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि उन्हें युवाओं से बातचीत करना बेहद पसंद है. कहा कि मुजफ्फरपुर से उनका गहरा संबंध है, क्योंकि उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्रभात तारा स्कूल से प्राप्त की. पहली बार एमआइटी आने का अवसर मिला है. बताया कि इस वर्ष उन्होंने हॉस्टल निर्माण के लिए कैबिनेट से स्वीकृति भी प्राप्त की है. छात्रों को कहा कि यह जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण और निर्णायक समय है. यदि आपका मन किसी और दिशा में है तो निडर होकर उसकी ओर बढ़ें. अपने कार्य में संतोष और खुशी मिलना सबसे ज़रूरी है. क्रॉसरोड पर खड़े मत रहिए, हर प्लेटफॉर्म से अवसर की शुरुआत की जा सकती है. हमेशा इस बात पर गर्व कीजिए कि आप बिहार से हैं. ग्रेड से अधिक समझ महत्वपूर्ण है. जीवन में आगे बढ़ने के लिए केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि अतिरिक्त गतिविधियों में भी भाग लें. बिहार की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बदल रही है. इस बैच के लिए अपार अवसर उपलब्ध हैं. समस्याओं का समाधान करने वाले और विश्लेषणात्मक सोच रखने वाले बनें व समाज को कुछ लौटाएं. कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ आरपी गुप्ता, डॉ वाई एन शर्मा, डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव, डॉ संजय कुमार, डॉ रजनीश कुमार समेत अन्य शिक्षक मौजूद थे. संचालन डॉ मनोज कुमार ने किया.विद्यार्थियों ने पूछे सवाल :
अर्चना कुमारी ने पूछा कि क्या बी.टेक करते हुए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी संभव है? इसपर उन्होंने कहा कि अभी इंजीनियरिंग पढ़ाई पर ध्यान दें. तीसरे वर्ष से यूपीएससी के प्रश्न पत्र पढ़ना शुरू करें. शिवम भारती ने पूछा कि यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए मुख्य गुण क्या होने चाहिए?उन्होंने कहा कि सफलता की कुंजी है फोकस, फोकस और सिर्फ फोकस. साथ ही अनुशासन, जुनून और सही दृष्टिकोण भी आवश्यक है. विशाल कुमार ने अच्छा वक्ता कैसे बन सकता हूं? यह सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि आईने के सामने अभ्यास करें, बोलने की आदत विकसित करें.
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