हैरान करने वाला मामला: मरीज के पेट में फंसा शीशे का ग्लास, ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बनाया नया मलद्वार

ऑपरेशन करनेवाले शहर के सीनियर सर्जन डॉ महमुदुल हसन ने बताया कि उनके पास कुछ दिन पहले उक्त मरीज पखाना नहीं होने व पेट में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था. जांच के दौरान शंका हुई, तब हमने उसका अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे कराया. जिस साइज का ग्लास निकला है.

By Prabhat Khabar | February 20, 2022 3:16 PM

मुजफ्फरपुर. शहर के माड़ीपुर स्थित एक निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 55 वर्षीय मरीज का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने उसके पेट से शीशे का ग्लास बाहर निकाला है. ग्लास मलद्वार व आंत में फंसा था, जिसे पहले मलद्वार के रास्ते निकालने की काफी कोशिश की गयी, लेकिन डॉक्टरों की टीम को इसमें सफलता नहीं मिली. इसके बाद चीरा लगाकर पेट में फंसे शीशे की ग्लास को निकाला गया है. मरीज वैशाली के महुआ का रहनेवाला है.

ऑपरेशन करनेवाले शहर के सीनियर सर्जन डॉ महमुदुल हसन ने बताया कि उनके पास कुछ दिन पहले उक्त मरीज पखाना नहीं होने व पेट में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचा था. जांच के दौरान शंका हुई, तब हमने उसका अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे कराया. जिस साइज का ग्लास निकला है, वह मुंह के रास्ते पेट में कभी भी नहीं जा सकता है. मरीज का कहना है कि चाय पीने वाला ग्लास मुंह के रास्ते गया है, लेकिन यह थ्योरी बिल्कुल ही गलत है.

वह ग्लास मलद्वार से ही पेट के अंदर गया होगा. लगभग ढाई घंटे तक ऑपरेशन करने के बाद ग्लास को बाहर निकाला गया है. ऑपरेशन के दौरान ग्लास का हिस्सा थोड़ा टूट भी गया था, जिसे सफलतापूर्वक निकाल दिया गया है. फिलहाल, मरीज स्वस्थ है. दो दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जायेगी. डॉक्टर ने इस तरह का दुर्लभ ऑपरेशन होने का दावा किया है. शहर के डॉक्टरों में यह चर्चा का विषय बना है.

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हैरान करने वाला मामला

  • माड़ीपुर में निजी नर्सिंग होम चलानेवाले डॉ महमुदुल हसन ने किया सफल ऑपरेशन

  • स्वस्थ हैं मरीज, दो दिनों में मरीज को अस्पताल से मिलेगी छुट्टी

  • पेट में दर्द व पखाना नहीं होने की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा था मरीज

  • वैशाली के महुआ के हैं मरीज, शहर के डॉक्टरों में बना चर्चा का विषय

मरीज का बनाया गया है एक नया मलद्वार

मलद्वार व आंत में फंसे गिलास को निकालने के लिए मरीज का एक अलग मलद्वार भी बनाया गया है, मरीज उसी मलद्वार से ही छह से सात हफ्तों तक शौच त्याग करेंगे. जब ऑपरेशन किया गया घाव पूरी तरह ठीक हो जायेगा. फिर से ऑपरेट कर बनाये गये मलद्वार को बंद कर दिया जायेगा.

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