पहले हम खुद को बदलें, तब दूसरों को सलाह दें
First change yourself, then advise others.
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पैगंबर मुहम्मद साहब की शिक्षाओं का पालन करने से ही जीवन में तब्दीली हो सकती है. हमें दूसरों को सलाह देने की नहीं, बल्कि खुद को बदलने की ज़रूरत है. पहले घर में दीया जलाया जाता है, फिर मस्जिद में, यानी पहले हमें खुद को बदलने की जरूरत है, फिर दूसरों को सलाह देनी चाहिए. उक्त बातें धार्मिक विद्वान अयातुल्ला सैयद अकील अल-घरवी ने शुक्रवार को कमरा मुहल्ला के बड़ा इमामबाड़ा में दो दिवसीय मजलिस की शुरुआत करते हुए कही. उन्होंने कहा कि हमें पैगंबर की वसीयत का पूरी तरह से पालन करके दुनिया को दिखाना है. पैगंबर ने कहा कि मैं तुम्हारे बीच दो अनमोल चीजें छोड़ रहा हूं, एक कुरान है और दूसरे मेरे अहलुल बैत हैं. लोग चाहते हैं कि अल्लाह उनसे खुश हो, लेकिन वह कुरान से दूर हो रहे हैं और अगर वे किसी समस्या या बीमारी से पीड़ित हैं, तो लोग अपने मोबाइल फोन पर कुरान की आयत सुनते हैं. यह तरीका बेहद निंदनीय है. उन्होंने कहा कि अल्लाह के साथ एक जीवंत रिश्ता बनाए रखने की जरूरत है. पहले सत्र में जफर अब्बास ने सोजखानी और पेशखानी सैयद मुहम्मद बाकिर ने की. दूसरे सत्र में जफर अब्बास ने ही सोज पढ़ा, जबकि मौलाना उरूज अली, मौलाना नेहाल हैदर रिजवी, मौलाना सैयद अली अब्बास छपरवी और असद रिजवी ने पेशखानी की.
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