जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाल कर धूमधाम से मनाया ईद-ए-मिलादुन्नबी

Eid-e-Miladunnabi celebrated with great pomp

By SANJAY KUMAR | September 6, 2025 1:01 AM

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस पर शुक्रवार को धूमधाम से ईद-ए-मिलादुन्नबी मनाया गया. इस मौके पर शहर के विभिन्न इलाकों में जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाल कर मुस्लिम समुदाय ने अपनी खुशी का इजहार किया. जुलूस में धार्मिक झंडों के साथ लोग पैदल और बाइक के साथ चल रहे थे. हाथों में झंडा लेकर सैकड़ों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल थे. सुबह से ही हर मुहल्ले से छोटे-बड़े जुलूस का निकलना शुरू हो गया था. यह जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए तिलक मैदान पहुंचा. माड़ीपुर के अनवार-ए-मुस्तफा से मदरसा के वरीय प्रबंधक मौलाना अलहाज, मो नूर आलम अशरफी व अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती अलहाज, मो मोजस्मिल आलम अशरफी के नेतृत्व व मो वसी अख्तर, हाफिज फैयाज, कारी जलालुद्दीन, साजिद अशरफी की निगरानी में मदरसा से जुलूस निकाला गया. जिसमें कुरान शरीफ का पाठ कारी मो वसी अख्तर अशरफी ने की. यह जुलूस मदरसा से निकल कर माड़ीपुर, जूरन छपरा, कंपनीबाग होते हुये तिलक मैदान पहुंचा. यहां तमाम मदरसों से निकला जुलूस एक साथ मिल गये. तिलक मैदान में लोगों ने जुलूस-ए-मुहम्मदी का स्वागत किया. यह जुलूस फिर मदरसा अनवार-मुस्तफा लौटकर जश्न-ए-ईद मिलानुदन्नी मनाया. बेटियां अल्लाह की रहमत, उसे शिक्षित करो

तकरी में मुफ्ती अलहाज, मो मोजम्मिल व आलम अशरफी ने कहा कि मोहम्मद साहब का जीवन में बड़ी क्रांति हुई. इनका जन्म 571 ई में उस समय हुआ जब सारा विश्व अशिक्षा के अधेरे में डूबा हुआ था. अल्लाह के पैगंबर रसूल मोहम्मद ने फरमाया कि अपने पड़ोसियों से बेहतर संबंध रखो, उनके सुख-दुख में शामिल रहो़, पड़ोसी का मतलब किसी विशेष धर्म का मानने वाला नहीं, बल्कि तमाम मानव जो किसी धर्म का मानने वाला हो़. भूखों को भूखा मत सोने दो, बीमारों की सेवा करो, बेगुनाह कैदी को आजाद कराओ, बेटियों को जिंदा दफन करने या मारने की प्रथा समाप्त करो, बेटियां अल्लाह की रहमत है, इनसे मुहब्बत करो, शिक्षा दो और जब बालिग हो जाये तो जल्द विवाह कर दो़, मजदूरों को मेहनताना उसका पसीना सूखने से पहले अदा कर दो, व्यवसाय में ईमानदारी का पूरा ख्याल रखो, अपने मां-बाप का कहना मानो और बुजुर्गों व महिलाओं को सम्मान दो. जुलूसे-मोहम्मदी में सामाजिक कार्यकर्ता मो जमील अख्तर, मो मुब्शीर, मो अयूब, मो खुर्शीद, मो शौकत अली खां, नबी आलम, मो अख्तर हुसैन के अलासा मदरसा के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे.

जुलूस-ए-मोहम्मदी का शरबत पिलाकर स्वागत

जुलूस-ए-मुहम्मदी का शहर में कई जगहों पर शरबत पिला कर स्वागत किया गया. कंपनीबाग, टावर चौक, पक्की सराय चौक और बनारस बैंक चौक पर लोगों ने जुलूस में शामिल लोगों को शरबत पिलायी. सुबह से दोपहर तक यह सिलसिला चलता रहा. जुलूस में शामिल लोग पूरे उत्साह के साथ चल रहे थे. जुलूस जिधर से भी गुजरा धार्मिक झंडों से सड़क पट गया.

कई जगहों पर देर तक रहा जाम

शहर के विभिन्न भागों से जुलूस निकलने के कारण कई जगहों पर जाम की स्थिति रही. चतुर्भुज स्थान से पक्की सराय होते हुए बनारस बैंक चौक और टावर पर करीब दो घंटे तक जाम बना रहा. वहीं जूरन छपरा से टावर चौक तक भी सुबह से दोपहर तक जाम रहा. इसमें कई गाड़ियां लंबे समय तक फंसी रही. दोपहर में जुलूस के तिलक मैदान जाने के बाद शहर में जाम में कमी आयी.

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