सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने की कवायद: जल्द होगी भूमि की मापी व जमाबंदी
Efforts to prevent encroachment on government land
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जिले में सरकारी भूमि की अवैध बिक्री और दाखिल खारिज (म्यूटेशन) के बढ़ते मामलों, खासकर कांटी की घटना के बाद, प्रशासन सक्रिय हो गया है. सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने और राजस्व रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के लिए मापी, सीमांकन, जमाबंदी और दाखिल खारिज की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गई है.सरकारी भूमियों को किया गया चिह्नित
प्रशासन ने तत्काल उन सरकारी भूमियों को चिह्नित किया है जिनकी अब तक जमाबंदी नहीं की गई है या जहां अतिक्रमण की आशंका है. इसमें कृषि विभाग की भूमि है. मोतीपुर के जसौली और पारू के देवरिया स्थित राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र है.इसके अलावा पशुपालन विभाग की भूमि, मुशहरी अंचल में स्थित भूमि, जिसका खाता संख्या उपलब्ध नहीं है (भगवानपुर स्थित कार्यालय के संबंध में) में रिकॅर्ड तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा मुशहरी अंचल स्थित मणिकामन झील के समीप की सरकारी भूमि भी है.अविलंब ऑनलाइन जमाबंदी का निर्देश
तिरहुत प्रमंडल के संयुक्त निदेशक ने मोतीपुर और पारू के अंचल अधिकारियोंको राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र की भूमि का अविलंब ऑनलाइन जमाबंदी करने का निर्देश दिया है. आवश्यक कागजात पहले ही उपलब्ध कराए जा चुके हैं, और इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने को कहा गया है.मणिका मन झील पर विकास कार्य बाधित
मुशहरी अंचल स्थित मणिकामन झील के समीप आवंटित सरकारी जमीन पर पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकीय विकास कार्य कराया जा रहा है. हालांकि, कार्य में बाधा उत्पन्न किए जाने के कारण विकास कार्य रुका हुआ है. एसडीओ पूर्वी ने मुशहरी सीओ को इस विवाद की जानकारी दी है.उन्होंने निर्देश दिया है कि उक्त भूमि का शीघ्र सीमांकनकिया जाए और इससे संबंधित रिपोर्ट जमा की जाए, ताकि विवाद समाप्त हो और विकास कार्य पूरा हो सके. प्रशासन का मानना है कि कार्य पूरा होने के बाद क्षेत्र में पर्यटन का विकास होगा और राजस्व की प्राप्ति होगी. पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक ने भी मुशहरी सीओ से विभाग की जमीन का खाता संख्या और दाखिल खारिज से संबंधित रिपोर्ट मांगते हुए ऑनलाइन जमाबंदी करने को कहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
