PG में एडमिशन के लिए इसी महीने खुलेगा पोर्टल, 11 हजार सीटों का प्रोपोजल तैयार

Muzaffarpur: BRABU में 2025-27 सत्र के लिए पीजी नामांकन दिसंबर में शुरू होगा. 11 हजार से अधिक सीटों पर लगभग 25 हजार आवेदन की उम्मीद है. लक्ष्य जनवरी अंत तक दाखिला पूरा करना है. समर्थ पोर्टल तैयार न होने के कारण नामांकन UMIS से होगा. छात्रों को गृह जिले में वरीयता मिलेगी.

By Nishant Kumar | December 18, 2025 8:40 PM

Muzaffarpur News: बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) के मास्टर्स यानी पोस्ट ग्रेजुएट (PG) विभागों और कॉलेजों में 2025-2027 सेशन में नामांकन की प्रक्रिया दिसंबर में ही शुरू होगी. DSW ऑफिस ने आवेदन के लिए पोर्टल खोलने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. कुलपति की मंजूरी का इंतजार है. यूनिवर्सिटी का लक्ष्य है कि जनवरी तक आवेदन और दाखिले की पूरी प्रक्रिया संपन्न कर ली जाए.

छात्र कर रहे इंतेजार

पिछले महीने स्नातक सत्र 22-25 के तृतीय वर्ष का परिणाम जारी होने के बाद से ही हजारों छात्र पीजी में नामांकन का इंतजार कर रहे हैं. इस बार पीजी की 11 हजार सीटों पर नामांकन होने हैं. पिछले रिकॉर्ड को देखें तो इन सीटों के लिए करीब 20 से 25 हजार अभ्यर्थी दावेदारी करते हैं. उम्मीद है कि इस बार भी कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है. विवि की कोशिश है कि छात्रों को उनके गृह जिले के कॉलेजों में ही सीट दी जाये, हालांकि यह पूरी तरह उनके द्वारा दिये गये विकल्पों व मेरिट पर निर्भर करेगा.

समर्थ पर पेच, पुरानी एजेंसी से ही नामांकन

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ बी राजेंदर के स्पष्ट निर्देश थे कि आगामी सभी नामांकन समर्थ पोर्टल के माध्यम से ही किये जायें. इसके बावजूद बिहार विवि में अब तक समर्थ पोर्टल को नामांकन के लिए पूरी तरह अपडेट नहीं किया जा सका है. समय की कमी व सत्र को नियमित रखने के दबाव के बीच, अब पीजी नामांकन की प्रक्रिया पुरानी एजेंसी के माध्यम से यूएमआइएस पोर्टल पर ही पूरी की जायेगी. इसकी तकनीकी तैयारी पूरी कर ली गयी है.

Also read: टूटा बिजली का तार और बुझ गए घर के तीन चिराग, बाप-बेटे और भांजे की मौत 

गृह जिले के छात्रों को वरीयता

कुल सीटें 11,000 से अधिक हैं, जबकि संभावित आवेदनों की संख्या 25,000 से पार पहुंचने की संभावना है. नामांकन प्रक्रिया को जनवरी के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. साथ ही, वरीयता के आधार पर आवेदकों को उनके गृह जिले के कॉलेजों में प्रवेश देने की योजना बनाई जा रही है.