Bihar Crime: खुशी अपहरण कांड में सीबीआइ का शक इस शख्स पर गहराया, बेल होगी कैंसिल
Bihar Crime: मुजफ्फरपुर की चर्चित खुशी अपहरण कांड की जांच तेज हो गई है. सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन की अगुवाई में टीम ने केस की समीक्षा की और संदिग्धों से पूछताछ की रणनीति बनाई. खुशी के पिता से दो घंटे बातचीत कर जांच की प्रगति और आगे की कार्रवाई पर भरोसा दिलाया गया.
Bihar Crime: मुजफ्फरपुर शहर की चर्चित खुशी अपहरण कांड की जांच कर रही सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम सोमवार की देर शाम शहर पहुंची. सर्किट हाउस में ज्वाइंट डायरेक्टर ने केस के आइओ के साथ अब तक की अनुसंधान की समीक्षा किया. इस दौरान अपहरण कांड में जो भी संदिग्ध सीबीआइ के अनुसंधान में सामने आए हैं, उनसे पूछताछ करने की रणनीति तैयार की गयी.
खुशी के पिता को सीबीआई ने बुलाया
खुशी के पिता राजन शाह को सीबीआइ ने मंगलवार की सुबह सर्किट हाउस बुलाया, इस दौरान ज्वाइंट डायरेक्टर ने दो घंटे तक उससे बातचीत कर उसको आश्वस्त किया कि सीबीआइ की जांच सही दिशा में चल रही है. कुछ संदिग्धों को चिन्हित किया गया है, जिसका इस केस से जुड़ाव हो सकता है. आगे की जांच की जा रही है. खुशी अपहरण कांड में जेल से जमानत पर बाहर निकले अमन से सीबीआइ की टीम पूछताछ करना चाह रही है, उसकी तलाश में सीबीआइ के अधिकारी मुंबई तक पहुंचे हैं. लेकिन, वहां से अमन फरार हो गया. इस वजह से सीबीआइ का उसपर शक गहरा गया है.
संभावना यह जतायी जा रही है कि सीबीआइ उसका बेल कैंसिल कराकर फिर से उसकी गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई कर सकती है. इसके अलावा राजन साह ने एक बार फिर से सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर के सामने नौ संदिग्धों के नाम बताये, जिनका उसकी बेटी के गायब होने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका हो सकती है. उसने सीबीआइ के अधिकारी से सभी संदिग्धों की ब्रेन मैपिंग कराने की मांग की है.
राजन शाह से मुलाकात करने के बाद सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर पटना वापस लौट गए हैं. केस के आइओ लगातार शहर में कैंप करके आगे की अनुसंधान करेंगे. हालांकि, सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर ने राजन साह से क्या- क्या पूछताछ की है इसकी सीबीआइ की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.
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जानें मामला
ब्रह्मपुरा थाना के पमरिया टोला निवासी राजन साह की पांच वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी 16 फरवरी 2021 को लक्ष्मी चौक स्थित सरस्वती पूजा पंडाल से अपहरण कर लिया गया था. मामले में उसके पिता राजन साह ने ब्रह्मपुरा थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. ब्रह्मपुरा पुलिस पहले जांच को गंभीरता से नहीं लिया. जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पुलिस एक्टिव हुई. चार जिलों में जाकर छानबीन की.
इसके बाद एक आरोपी अमन को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया . बाद में सेंट्रल जेल में बंद आरोपित अमन व संदिग्ध राहुल का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया. लेकिन, कुछ सुराग नहीं मिला तो मामला सीबीआइ को सौंप दिया गया. सीबीआइ ने राजन साह का भी बाद में पॉलीग्राफी टेस्ट कराया था. लेकिन, सीबीआइ को कोई ठोस सुराग हासिल नहीं हुआ था. इस बीच केस के आइओ भी बदल गए.
