Bihar Bhumi: बिहार के इस जिले में जमीन अधिग्रहण करेगी सरकार, जानें क्या है तैयारी
Bihar Bhumi: मुजफ्फरपुर में नगर विकास एवं आवास विभाग अब भू-अर्जन अधिनियम के तहत जमीन अधिग्रहण करेगा. बिहार के सभी जिलों में पर्यावरण की सुरक्षा और कचरा मुक्त शहर बनाने की दिशा में ठोस एवं अपशिष्ट प्रबंधन समेत अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है.
Bihar Bhumi: मुजफ्फरपुर में नगर विकास एवं आवास विभाग अब भू-अर्जन अधिनियम के तहत जमीन अधिग्रहण करेगा. बिहार के सभी जिलों में पर्यावरण की सुरक्षा और कचरा मुक्त शहर बनाने की दिशा में ठोस एवं अपशिष्ट प्रबंधन समेत अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस काम के लिए सरकारी जमीन की तलाश की जा रही है, लेकिन कई जिलों में ऐसी जमीन उपलब्ध नहीं है.
यहां फंसा पेंच
विभाग की तरफ से भूमि अनुपलब्धता की स्थिति में निजी जमीन खरीदने करने का प्रावधान भी दिया गया है. बावजूद इसके जमीन नहीं मिली है. इसके बाद अब लीज पर निजी जमीन अधिग्रहण करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन यहां एमवीआर (मिनीमम वैल्यू रेट) बाजार मूल्य से कम होने के कारण पेच फंस चुका है. रैयतों की तरफ से इसमें रुचि नहीं ली जा रही है.
रैयतों ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
इसकी वजह है कि नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत जो एमवीआर निर्धारित किया जाता है, वह बाजार मूल्य से बहुत कम होता है. इसके अलावा तय एमवीआर पर ही मुआवजा का भुगतान किया जाता है. यही वजह है कि रैयत इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.
बदला गया नियम
इस समस्या को देखते हुए विभाग की तरफ से अब नियम में बदलाव किया गया है. नगर विकास एवं आवास विभाग की जितनी भी योजनाएं लागू होंगी और अगर इसमें जमीन की आवश्यकता पड़ेगी तो भू-अर्जन अधिनियम के तहत अधिग्रहण का काम किया जाएगा.
रैयतों को मिलेगी सहुलियत
बताया जा रहा है कि इससे रैयतों को बहुत सहुलियत मिलेगी. इस अधिनियम के तहत बाजार मूल्य को ध्यान में रखते हुए एमवीआर निर्धारित किया जाता है. जिसके बाद शहरी क्षेत्र में निर्धारित एमवीआर से दोगुणा और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुणा अधिक मुआवजा राशि भुगतान होगा. जानकारी के अनुसार विभाग के सचिव ने इससे संबंधित आदेश जारी कर सभी को अवगत करा दिया है और इसका पालन करने को कहा है.
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इन योजनाओं का होगा क्रियान्वयन
मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के सभी जिलों के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का क्रियान्वयन शामिल है. वहीं, नाला, सड़क, प्रशासनिक भवन, सम्राट अशोक भवन, मोक्षधाम, शवदाह गृह, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कंपोस्ट प्लांट का निर्माण भी शामिल है. इन योजनाओं के लिए भी जमीन की आवश्यकता पड़ती है. इन सभी योजनाओं में अब भू-अर्जन अधिनियम के तहत ही जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
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