Bihar: वोट मैनेज करने दिये थे रूपये, हारने के बाद प्रत्याशी के पति ने फोन लगाकर कहा- उल्टा टांग कर मारेंगे

मुजफ्फरपुर के मतगणना केंद्र पर बिहार पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में पड़े वोटों की गिनती जब खत्म हुई तो एक हैरान करने वाला दृश्य वहां दिखा. एक प्रत्याशी ने वोट मैनेज करने पैसे दिये थे. और हार के बाद उसपर भड़की हुईं थीं.

By Prabhat Khabar | October 2, 2021 12:32 PM

मुजफ्फरपुर: आरडीएस कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र पर जीते हुए प्रत्याशी और उनके समर्थकों में उत्साह था. वहीं दूसरी ओर हारे हुए प्रत्याशियों के चेहरे पर मायूसी झलक रही थी. मतगणना समाप्त होने के बाद बाहर निकले मुखिया पद के एक महिला प्रत्याशी और उनके पति निराश के साथ-साथ काफी नाराज भी दिखे. प्रत्याशी ने अपने पति से कहा कि गद्दार की वजह से चुनाव हार गये हैं.

प्रत्याशी कहतीं दिखीं कि 250 वोट मैनेज करने के लिए रुपये लिया था. लेकिन, तुम्हारे वार्ड से हमको कम वोट मिला. मेरी हार की सबसे बड़ी वजह यही है. इसके बाद उनके पति काफी क्रोधित हो गये. एक समर्थक से कहा कि वोट मैनेज करने का ठेकेदारी लिया था, जरा उसको कॉल लगाओ. समर्थक ने मुखिया प्रत्याशी के पति को मोबाइल पर कॉल लगा कर बात करायी. कॉल रिसीव करते ही प्रत्याशी के पति गुस्से से तमातमा उठे.

प्रत्याशी के पति ने कहा कि क्या जी, वोट मैनेज करने के लिए रुपये लिया था. लेकिन तुमसे तो यह नहीं हो पाया. लगता है सब रुपया तुम खुद रख लिया. अब एक एक वोट और रुपये का हिसाब देना होगा. रुपये का हिसाब नहीं दिया तो उल्टा टांग कर मारेंगे. इसके बाद कॉल रिसीव करने वाला अपनी सफाई देने लगा. लेकिन, प्रत्याशी के पति ने कॉल काट दिया. समर्थकों ने भी प्रत्याशी के पति पर वोट मैनेज करने के नाम पर रुपये लेने वाले शख्स को सबक सिखाने का दबाव बनाने लगे.

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बता दें कि गांव के विकास के लिए गांव में चुनी गयी सरकार को बदलने में जनता ने इस बार बड़ी भूमिका निभाई है. अधिकांश पंचायत के मुखिया चुनाव हार गये हैं. नयी उम्मीद के साथ लोगों ने नये लोगों को पंचायत की सरकार चलाने की जिम्मेवारी अपने मताधिकार के बल पर सौंपी है. आखिर कारण क्या है कि अधिकांश मुखिया को जनता ने इस बार फिर से मौका नहीं दिया.

मतगणना के दौरान दोपहर से लेकर देर रात तक कई बार रुक-रुक कर बारिश होती रही. दोपहर में बारिश होने पर भीड़ दुकान, मकान के नीचे छिप जाती थी. लेकिन बारिश थमते ही भीड़ सड़क से लेकर मतगणना केंद्र के बाहर पहुंच जाती थी. जिसके कारण सबसे अधिक यातायता पर असर पड़ा. आरडीएस कॉलेज से अघोरिया बाजार पहुंचने में आधा घंटा से 45 मिनट का समय लग रहा था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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