राजस्व महाअभियान में गड़बड़ी, जमाबंदियों में खाता-खेसरा गलत

Account-Khesra is wrong in Jamabandi

By Prabhat Kumar | September 14, 2025 8:00 PM

सुधार के नाम पर सिर्फ आवेदन लिए जा रहे, लोग परेशान

मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर

जिले में चल रहे राजस्व महाअभियान के तहत 80% जमाबंदियों का वितरण तो कर दिया गया है, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है. वितरित किए गए भू-अभिलेखों में खाता और खेसरा नंबर का गलत होना आम बात हो गई है. इसके अलावा, जमीन मालिकों (रैयत) के नाम भी गलत दर्ज हैं, जिससे लोग भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं.

शिविरों में सिर्फ आवेदन

कई मौजा (राजस्व गांव) में तो हालात और भी खराब हैं. जमाबंदी सूची में क्रमांक तो दे दिए गए हैं, लेकिन उनसे जुड़े कागजात गायब हैं. यही नहीं, जहां किसी मौजा में कुल 100 जमाबंदी होनी चाहिए, वहां सिर्फ 50 का ही डेटा उपलब्ध है. इस गंभीर लापरवाही से आम जनता परेशान है. अभियान के तहत चल रहे शिविरों में इन गड़बड़ियों को सुधारने के बजाय, सिर्फ आवेदन लिए जा रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि सुधार की प्रक्रिया बाद में की जाएगी, लेकिन लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में त्रुटियां हैं, तो उनका समाधान कब और कैसे होगा.

अंतिम तिथि नजदीक

राजस्व महाअभियान की अंतिम तिथि 20 सितंबर है. शिविरों में दाखिल-खारिज, जमाबंदी सुधार, भूमि सर्वेक्षण, आधार लिंकिंग और लगान भुगतान जैसी सुविधाएं देने का वादा किया गया था. लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि जहाँ मूलभूत जमाबंदी में ही इतनी खामियांहैं, वहां इन सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है.अभियान को सफल बनाने के लिए बड़े दावे किए थे, लेकिन तकनीकी और मानवीय गलतियों के कारण यह लोगों के लिए एक और परेशानी का सबब बन गया है. इस स्थिति से साफ है कि विभाग की तरफ से जरूरी तैयारी नहीं की गई थी, जिसका खामियाजा अब आम लोग भुगत रहे हैं.

शिविर में यह सुविधा देना है.

दाखिल-खारिज : भूमि के क्रय-विक्रय और वारिसों के नाम पर संपत्ति के हस्तांतरण से जुड़े लंबित मामलों का निपटारा.

जमाबंदी सुधार: भू-अभिलेखों में त्रुटियों को ठीक करना और रिकॉर्ड्स को अद्यतन करना.

भूमि सर्वेक्षण एवं सीमांकन: विवादित भूमि का माप कर उसके सही सीमा का निर्धारण करना.

आधार और मोबाइल लिंकिंग: सभी भू-अभिलेखों को संबंधित व्यक्तियों के आधार नंबर और मोबाइल नंबर से जोड़ा जाएगा, जिससे भविष्य में पारदर्शिता बनी रहे.

लगान भुगतान: लोगों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन लगान भुगतान की प्रक्रिया के बारे में जागरूक करना और मौके पर भुगतान की सुविधा देना.

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