एइएस का एक और मरीज भरती

सिविल सर्जन बोलीं, लखनऊ से रिपोर्ट आने के बाद ही होगी पुष्टि मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में एइएस का और मरीज के भरती होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. वह मरीज सीतामढ़ी के सोनवर्षा के फतेहपुर गांव निवासी अहमद हुसैन की पुत्री समा परवीन है. इस साल एइएस का यह दूसरा केस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 21, 2017 5:30 AM

सिविल सर्जन बोलीं, लखनऊ से रिपोर्ट आने के बाद ही होगी पुष्टि

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में एइएस का और मरीज के भरती होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. वह मरीज सीतामढ़ी के सोनवर्षा के फतेहपुर गांव निवासी अहमद हुसैन की पुत्री समा परवीन है. इस साल एइएस का यह दूसरा केस है. ब्लड सैंपल जांच में एइएस की बात सामने आयी है. इससे विभाग अलर्ट हो गया है. समा परवीन का इलाज फिलहाल एसकेएमसीएच के पीआइसीयू में किया जा रहा है. उसे 18 अप्रैल को एसकेएमसीएच में भरती किया गया था. विभागाध्यक्ष अरविंद कुमार ने उसका इलाज कर रहे हैं. समा की हालत में अभी सुधार नहीं है. गुरुवार को समा परवीन की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में एइएस की पुष्टि की गयी है.
हालांकि सीएस डॉ ललिता सिंह ने कहा कि अभी इसे एइएस नहीं कहा जा सकता है, जबतक इसकी जांच लखनऊ से नहीं आ जाती है. समा का ब्लड सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है. इधर, एइएस से मिलते-जुलते लक्षण वाले दो और बच्चों को भरती किया गया है. कांटी के मुन्ना पासवान के चार माह के पुत्र अंश कुमार और शिवहर तरियानी के कुशेश्वर कुमार की दस माह की पुत्री श्रुति कुमारी को पीआइसीयू में भरती किया गया है. दोनों के ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है.
एसकेएमसीएच में एइएस के इलाज की समुचित व्यवस्था होने के बावजूद मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है. पारा मेडिकलकर्मियों के हड़ताल पर होने से संदिग्ध एइएस के मरीजों की जांच प्रभावित है. इससे उनके इलाज पर असर पड़ रहा है. बुधवार व गुरुवार को एइएस से मिलते-जुलते लक्षण वाले भरती बच्चों की जांच नहीं हो पायी. इस कारण इसकी रिपोर्ट जिले को नहीं की जा सकी.
विभागाध्यक्ष डॉ ब्रजमोहन बताते हैं कि पारा मेडिकलकर्मियों के हड़ताल पर जाने से मरीज का लंबर पंचर नहीं किया जा सका. इसके कारण उसकी रिपोर्ट नहीं की गयी है. एसकेएमसीएच में आनेवाले हर बच्चे की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग खुद संज्ञान ले रहा है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार को प्रत्येक दिन की रिपोर्ट भेज रहा है.
इसके बावजूद संविदाकर्मी पारा मेडिकल के हड़ताल पर जाने से इलाज प्रभावित हो रहा है.

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