गंडक के जल स्तर में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण नष्ट हो गयी 500 एकड़ में लगी गन्ने की फसल

बेतिया : पिपरासी प्रखंड स्थित दियारा क्षेत्र में पिछले एक माह से गंडक नदी के जल स्तर में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण 500 एकड़ गन्ने व धान की फसल नदी में विलीन हो गयी है. इसको ले किसानों में मायूसी छा गयी है. जहां एक तरफ कोरोना महामारी से किसानों की स्थित दयनीय हो गयी थी.

By Prabhat Khabar | August 19, 2020 9:13 AM

बेतिया : पिपरासी प्रखंड स्थित दियारा क्षेत्र में पिछले एक माह से गंडक नदी के जल स्तर में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण 500 एकड़ गन्ने व धान की फसल नदी में विलीन हो गयी है. इसको ले किसानों में मायूसी छा गयी है. जहां एक तरफ कोरोना महामारी से किसानों की स्थित दयनीय हो गयी थी.

वही लगातार बारिश व बाढ़ के कारण किसानों की स्थिति और ही खराब हो गयी है. बाढ़ के पानी से किसानों के 30 से 40 प्रतिशत से भी अधिक धान, केला, मुमफली, अरहर, गन्ना की फसल नष्ट हो गयी थी. वहीं अब कटाव से बचे फसल भी नदी में विलीन हो रही है. यह देख किसानों में मायूसी छाई हुई है.

वहीं अभी तक प्रशासन के तरफ से भी कोई सार्थक पहल नहीं किया गया है. इससे किसानों में आक्रोश भी व्याप्त है. प्रखंड के सेमरा लबेदहा के दियारा क्षेत्र कांटी, बलजोरा, कठहवा रेता, बीरता, बलुआ, पिपरासी रेता, मुजा टोला आदि दियारावर्ती क्षेत्रों में लगातार कटाव जारी है.

दियारावर्ती क्षेत्रों में पांच सौ एकड़ से अधिक फसल नदी में विलीन हो गयी है. इससे किसानों को लाखों रुपये की क्षति हुई है. किसान शिवशंकर यादव, पुनीत शुक्ला, बलराम चौधरी, अभिज्ञान शुक्ल, जितेंद्र यादव, उमा यादव आदि ने बताया कि खाद्यान्न की फसल पहले ही नष्ट हो चुकी थी.

वहीं अब नगदी फसल भी गंडक नदी के कटाव में विलीन हो गयी है. इससे किसानों को उनके निवाले पर भी आफत आ गयी है. किसानों ने उचित मुआवजे की मांग की है. वहीं बीएओ संजय शर्मा ने बताया कि फसल क्षति के मुआवजे के लिए फसलों का सर्वे कराया जा रहा है.

posted by ashish jha

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