ओपीडी में 40 प्रतिशत मरीज सर्दी, खांसी, सीने में दर्द की
ओपीडी में 40 प्रतिशत मरीज सर्दी, खांसी, सीने में दर्द की
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर मौसम में आई ठंड के साथ ही ओपीडी में सर्दी, खांसी, बुखार, सीने में दर्द और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. मॉडल अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में इन दिनों सीने में जकड़न, लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. चिकित्सकों के अनुसार ठंड के मौसम में हवा में नमी बढ़ने से प्रदूषक कण नीचे बैठ जाते हैं, जिससे सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. अस्पताल के श्वसन रोग विभाग में बीते एक सप्ताह के दौरान मरीजों की संख्या में करीब 40 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है. इसके साथ ही सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों में भी लगातार इजाफा हो रहा है. प्रतिदिन लगभग 200 की ओपीडी में 60 से 70 मरीज इन्हीं बीमारियों से संबंधित पहुंच रहे हैं. श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. के. पांडे ने बताया कि सर्द मौसम में हवा भारी और नमीदार हो जाती है, जिससे प्रदूषक कण वातावरण में नीचे बने रहते हैं. सुबह और शाम के समय कोहरा व धुआं सांस की नलियों में चिपककर उन्हें संकरा कर देता है, जिससे सांस लेने में परेशानी बढ़ जाती है. धूम्रपान करने वालों में यह खतरा तीन गुना तक बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि ठंड से बचाव न करने के कारण सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में लोगों को ठंडी हवा से बचने के लिए नाक और मुंह को मफलर या मास्क से ढककर रखना चाहिए. सुबह-सुबह तेज ठंडी हवा में टहलने से बचें और धूम्रपान व धुएं के संपर्क से पूरी तरह दूर रहें. डॉ. पांडे ने सलाह दी कि सांस में तकलीफ, बार-बार खांसी, बलगम के साथ सांस फूलना, सीने में जकड़न या हल्का काम करने पर भी थकान महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से जांच कराएं और बिना सलाह दवा बंद न करें. बयान कुछ दिनों में ओपीडी में मरीजों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में दवाएं के साथ साथ सांस के चिकित्सकों को भी ओपीडी में मरीजों का इलाज करने का निर्देश दिया गया है. अचानक बदले मौसम में सावधानी जरूरी है. ऐसे में पुराने मरीज को दवा और इनहेलर भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं. बाबू साहब झा, अधीक्षक, सदर अस्पताल
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