सूबे में 1604 हेक्टेयर एनएचएआइ की जमीन का नहीं हुआ दाखिल खारिज
सूबे में 1604 हेक्टेयर एनएचएआइ की जमीन का नहीं हुआ दाखिल खारिज
दाखिल खारिज की प्रक्रिया को राष्ट्रपति के नाम से पूरा करने का अनुरोध मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने राज्य में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के दाखिल खारिज (म्यूटेशन) की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है. इस संबंध में एनएचएआइ के परियोजना कार्यान्वयन इकाई, पटना के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने सभी संबंधित जिलों के जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को विस्तृत ब्योरा भेजकर इस कार्य को अविलंब पूरा करने का अनुरोध किया है. एनएचएआइ के अधिकारियों ने पाया है कि विभिन्न परियोजनाओं में बड़ी मात्रा में अधिग्रहित भूमि का दाखिल-खारिज अभी तक नहीं हुआ है, जिससे कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही है. विशेष रूप से महानिदेशक लेखा-परीक्षा ने भी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में इस कमी पर सवाल उठाए हैं. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, एनएचएआई ने सभी संबंधित जिलों को तत्काल कार्रवाई करने और दाखिल खारिज की प्रक्रिया को राष्ट्रपति के नाम से पूरा करने का आग्रह किया है. इस कार्य की प्रगति रिपोर्ट भी तुरंत भेजने को कहा गया है. दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूरी होने से भूमि का स्वामित्व स्पष्ट हो जाएगा और सरकारी रिकॉर्ड भी दुरुस्त होंगी. सात प्रमुख परियोजनाओं की स्थिति परियोजना निदेशक ने सात प्रमुख परियोजनाओं का ब्योरा भेजा है, जिनमें कुल 1604.72 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज लंबित है. इन परियोजनाओं में शामिल हैं: मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच-22: वर्ष 2010 में अधिग्रहित की गई 134.385 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज अभी तक नहीं हुआ है. बख्तियारपुर-मोकामा एनएच-31: करीब 254 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज लंबित है. बख्तियारपुर एनएच-20: 37.43 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज लंबित है. एनएच-119 डी: करीब 300 एकड़ (लगभग 121 हेक्टेयर) भूमि का दाखिल खारिज नहीं हुआ है. कोइलवर-भोजपुर सेक्शन: 263.10 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज लंबित है पटना-बख्तियारपुर सेक्शन: 260.21 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज लंबित है भोजपुर-बक्सर पथ: 282.92 हेक्टेयर भूमि का दाखिल खारिज नहीं हुआ है
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