जिले में दाखिल-खारिज के 15,000 आवेदन लंबित, 3,300 समय सीमा से बाहर
जिले में दाखिल-खारिज के 15,000 आवेदन लंबित, 3,300 समय सीमा से बाहर
मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के लगभग 15,000 आवेदन लंबित हैं, जो भूमि संबंधी प्रक्रियाओं में देरी को बताता है. इस वित्तीय वर्ष में कुल 29,000 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 10,907 समय सीमा के भीतर निपटाए गए, जबकि लगभग 3,300 समय सीमा से बाहर हैं. सरकारी भूमि के दाखिल-खारिज की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है. जिले में कुल 166 सरकारी भूमि के दाखिल-खारिज का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक केवल 27 मामलों का ही निष्पादन किया गया है. जमाबंदी के आधार सीडिंग में भी प्रगति संतोषजनक नहीं है, जिसे लेकर विभाग से कई बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं. उम्मीद है कि यह अभियान इन सभी लंबित कार्यों में तेजी लाएगा और भूमि संबंधी प्रक्रियाओं को ठीक करेगा. भूमि सुधार की बड़ी पहल भूमि संबंधी दस्तावेजों में पारदर्शिता लाने और लोगों को सीधे उनके द्वार तक जमीन से जुड़ी आवश्यक सुधारों की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग 16 अगस्त से 20 सितंबर तक ””राजस्व महाअभियान”” शुरू करने जा रहा है. यह अभियान राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका लक्ष्य रैयतों (भू-धारकों) को लाभ पहुंचाना है. अभियान के मुख्य उद्देश्य हल्का स्तर पर विशेष शिविरों के माध्यम से पूरा किया जाएगा डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटि सुधार (परिमार्जन): यह सुनिश्चित करना कि डिजिटल भूमि रिकॉर्ड सटीक और त्रुटि मुक्त हों उत्तराधिकार नामांतरण : विरासत में मिली भूमि का नाम परिवर्तन बंटवारा नामांतरण : भूमि के बंटवारे के बाद नाम परिवर्तन छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन करना : उन भूमि अभिलेखों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना जो अभी तक ऑनलाइन नहीं हैं
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