बच्चों में एइएस, लेकिन मौत की वजह पता नहीं

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में जो बच्चे बीमार हो कर आ रहे हैं, उन्हें एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) है. लेकिन अभी तक जो बच्चे मरे हैं, उनकी मौत की वजह पता नहीं है. उनकी मौत कई कारणों से हो सकती है. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए पटना से डॉ आलोक तिवारी व पांच ट्रेड नर्स को भेज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 16, 2019 1:49 AM

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में जो बच्चे बीमार हो कर आ रहे हैं, उन्हें एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) है. लेकिन अभी तक जो बच्चे मरे हैं, उनकी मौत की वजह पता नहीं है. उनकी मौत कई कारणों से हो सकती है. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए पटना से डॉ आलोक तिवारी व पांच ट्रेड नर्स को भेज रहा है. ये डॉक्टर व नर्स एसकेएमसीएच में भर्ती हो रहे बच्चे का इलाज करेंगे. ये बातें शनिवार को एसकेएमसीएच में बच्चों को देखने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहीं.

उन्होंने कहा कि अभी तक एइएस का करीब 30 प्रतिशत का जो आंकड़ा रहता था, उसे इस बार हमारे डॉक्टरों ने 24 प्रतिशत कर दिया है. यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि अभी तक जो बच्चे मरे हैं या भर्ती हो रहे हैं, वे कुपोषित हैं.

हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि एक भी बच्चा नहीं मरे. प्रधान सचिव ने तीनों पीआईसीयू में जाकर बच्चों को देखा और उनके परिजनों से बात की. उन्होंने परिजनों से पूछा कि वे अपने बच्चे को कैसे रखते हैं और उन्हें क्या पौष्टिक आहार देते हैं.

हिट स्ट्रोक सभी को हो सकता है, बच्चे को ही क्यों. प्रधान सचिव ने हिट स्ट्रोक से बच्चों के बीमार होने की बात को सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि मौसम अगर गर्म हो, तो सभी लोग प्रभावित होंगे. यहां 15 साल तक के बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं. इनमें अधिकतर बच्चे कुपोषित हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक जो बच्चे बीमार हुए हैं, वे एइएस के ही हैं. लेकिन उनकी मौत किन कारणों से हो रही है, यह स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके कई कारण जैसे बैक्टीरिया, वायरस, गर्मी, लीची खाने से भी हो सकती है. यह अब तक वैज्ञानिक पद्धति से साबित नहीं हो सका है. लेकिन एइएस के इलाज के लिए जो प्रोटोकॉल बनाये गये हैं, उसी के तहत बच्चों का इलाज किया जा रहा है.

पीआईसीयू में लगेंगे 16 नये बेड. एसकेएमसीएच के पीआईसीयू में बेड बढ़ाये जायेंगे. इसमें अभी 34 बेड हैं. इसे बढ़ा कर 50 कर दिया जायेगा. 16 बेड रविवार तक लगा दिये जायेंगे. प्रधान सचिव ने कहा कि एसकेएमसीएच में अब 50 बेड हो गये हैं, जिससे बच्चों को भर्ती करने व इलाज में कठिनाई नहीं होगी. इसके अलावा जो बच्चे किराये के वाहन से आयेंगे, उन्हें रोगी कल्याण समिति से पैसा दिया जायेगा.

चमकी बुखार से फिर आठ बच्चों की मौत

मुजफ्फरपुर. चमकी बुखार से बच्चे की मौत का सिलसिला जारी है. शनिवार को भी एसकेएमसीएच अस्पताल में आठ बच्चों ने दम तोड़ दिया. एसकेएमसीएच में 40 नये बच्चों को गंभीर स्थिति में भर्ती कर उनका इलाज शुरू किया है. केजरीवाल अस्पताल में भी और 21 बच्चों को भर्ती कराया गया है. सभी बीमार बच्चे तीन से आठ साल तक की उम्र के हैं. एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में इलाजरत जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें चकिया के पांच वर्षीय गुंजन, पानापुर मीनापुर के तीन वर्षीय शंकर कुमार, मझौलिया,

पूर्वी चंपारण की एक वर्षीय बिट्टू कुमारी, कांटी की चार वर्षीय सुहानी कुमारी, डेमहां कांटी के छह वर्षीय मोनू कुमार, कटरा रामाढीह के छह वर्षीय गनौर माझी, कांटी की चार वर्षीय सविता परवीन और देवरिया पारू की छह वर्षीय हरजाना खातून शामिल है.

आज आयेंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

मुजफ्फरपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन रविवार को मुजफ्फरपुर आयेंगे. दिल्ली से सुबह वह पटना पहुंचेंगे. दस बजे से एक बजे तक एसकेएमसीएच में रहेंगे. इस दौरान वह स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे. शाम साढ़े चार बजे के करीब वह पटना में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.

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