मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस : ED ने मनी लॉडरिंग अधिनियम के तहत किया मामला दर्ज

मुजफ्फरपुर : प्रवर्तन निदेशालय ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में मनी लॉडरिंग अधिनियम (पीएमएलए) के निवारण के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ईडी सूत्रों ने कहा कि आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उनके कर्मचारी अवैध रूप से राज्य सरकार से आश्रय घर के नाम पर पैसे ले रहे थे. ज्ञात हो कि इससे पहले बालिका […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2018 11:39 AM

मुजफ्फरपुर : प्रवर्तन निदेशालय ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में मनी लॉडरिंग अधिनियम (पीएमएलए) के निवारण के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ईडी सूत्रों ने कहा कि आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उनके कर्मचारी अवैध रूप से राज्य सरकार से आश्रय घर के नाम पर पैसे ले रहे थे. ज्ञात हो कि इससे पहले बालिका गृह कांड के मामले में बिहार पुलिस मुख्‍यालय ने आरोपी ब्रजेश ठाकुर की संपत्‍ति जब्‍त करने का फैसला लिया है. इस संबंध में ईओयू ने प्रवर्तन निदेशालय को प्रस्‍ताव भेजा था. बिहार पुलिस मुख्‍यालय ने आरोपी ब्रजेश ठाकुर की 2.65 करोड़ से अधिक की संपत्‍ति जब्‍त करने का फैसला लिया है.

https://t.co/IgTKY02H47

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड में चल-अचल संपत्ति जब्त होने की भनक लगते ही मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद ने शहर की 11 कट्ठे महंगी जमीन लगभग दो करोड़ रुपये में बेच दी है. मुजफ्फरपुर रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस जमीन का सौदा ब्रजेश ठाकुर और उसके दागी एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति पर एफआईआर दर्ज होने के बाद हुआ है. मार्केट के बीचों-बीच इस जमीन की कीमत दो करोड़ रुपये बतायी गयी है, लेकिन बाजार मूल्य के हिसाब से आंकड़ा कहीं अधिक हो सकता है.

सीबीआई के शुरुआती आकलन के मुताबिक सेवा संकल्प एवं विकास समिति को मिले सरकारी फंड से ब्रजेश ठाकुर ने लगभग 20 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है. ब्रजेश ठाकुर के अलावा उनके सगे-संबंधियों के बैंक अकाउंट को भी सीबीआई खंगाल रही है. इसी बीच अचल संपत्ति बेचने का मामला सामने आने के बाद सीबीआई अपनी कार्रवाई तेज कर सकती है.

विदित हो कि कुछ दिनों पहले ही ब्रजेश ठाकुर को भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया. इससे पहले वह मुजफ्फरपुर के खुदी राम बोस केंद्रीय कारा में बंद था. छापेमारी के दौरान ब्रजेश ठाकुर के वार्ड में कई मोबाइल नंबर मिले थे. आरोप है कि वह जेल से ही अपने बचाव का अभियान चला रहा था. उसे अति गोपनीय तरीके से भारी सुरक्षा के बीच भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया.

Next Article

Exit mobile version