वार्ता में नहीं माने छात्र, दिनभर विवि- वीसी आवास पर हंगामा
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि में 20 दिनों से चल रहे छात्रों के आंदोलन के बीच बुधवार को गतिरोध और बढ़ गया. आक्रोशित छात्रों ने विवि से लेकर कुलपति आवास तक घंटों हंगामा किया. दिन की शुरुआत आंदोलन कर रहे छात्र व कुलपति के बीच वार्ता की पहल से हुई थी, जबकि दिन ढलते-ढलते मामला […]
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि में 20 दिनों से चल रहे छात्रों के आंदोलन के बीच बुधवार को गतिरोध और बढ़ गया. आक्रोशित छात्रों ने विवि से लेकर कुलपति आवास तक घंटों हंगामा किया. दिन की शुरुआत आंदोलन कर रहे छात्र व कुलपति के बीच वार्ता की पहल से हुई थी, जबकि दिन ढलते-ढलते मामला काफी बिगड़ चुका था. एसडीओ व नगर डीएसपी के पहुंचने पर कुलपति विवि खुलवा कर अपने कार्यालय में बैठ गये थे. लेकिन, जानकारी होने के बाद वहां पहुंचे नाराज छात्रों ने उन्हें बाहर निकल जाने के लिए कहा. साथ ही चेतावनी दी कि डीडीइ के तत्कालीन डायरेक्टर के निलंबन तक विवि नहीं खुलने देंगे.
दोपहर में पीजी हॉस्टल के छात्र व कुलपति के बीच वार्ता की पहल की गयी. छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण वार्ता से पहले लिखित परिचय देने को कहा गया. परिचय में यह भी बताने को कहा गया कि वे किस हॉस्टल में रह रहे हैं. कुलपति ने कहा कि वे केवल छात्रों से ही वार्ता करेंगे. इस पर छात्र आक्रोशित हो गये और कुलपति के आवास में ही हंगामा शुरू कर दिया. अधिकारी व कर्मचारियों के साथ ही सभी शिक्षकों को बाहर निकाल दिया.
हंगामे के दौरान ही डीएसपी आशीष आनंद व एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार विवि पहुंचे. कुलपति से मामले की जानकारी ली. इसके बाद छात्रों से वार्ता करने के लिए विवि के मुख्यद्वार पर पहुंचे. अधिकारियों ने करीब आधे घंटे तक छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि अब वार्ता सभी छात्रों के साथ होगी. समझौते की प्रशासनिक पहल असफल होने के बाद छात्रों ने कुलपति आवास के बाहर पहुंच कर एक बार फिर हंगामा शुरू कर दिया. छात्र डीडीइ के निलंबित नहीं होने तक विवि नहीं खुलने की घोषणा कर करते हुए वहां से चले गये. शाम करीब चार बजे तक ह सिलसिला चलता रहा.
उधर, छात्रों के जाने के बाद डीएसपी व एसडीओ ने शाम चार बजे विवि खुलवाया. करीब पांच बजे प्रशासनिक अधिकारियों के जाने के बाद कुलपति कार्यालय में छात्र फिर आ गये और हंगामा करने लगे.