दिघरा अग्निकांड: करीब पांच घंटे तक रही अफरा-तफरी, मौके पर पहुंचे तीन दमकल, इ आग में जल गेलई जिंदगी के कमाई

मुजफ्फरपुर: हमर त कुछो न बचलई रे बाप, अब कैसे जिंदगी कटतई. ई आग त सारा जिंदगी भर की जमा पूंजी के जला के राख कर देलई. अब जिंदगी कैसे जीबअई. हे भगवान न कोन सजा देला. अब कैसे तीन- तीन बच्चा के जिंदगी पलबई. दिघरा दलित बस्ती में लगी आग में अपना सब कुछ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 16, 2017 10:58 AM
मुजफ्फरपुर: हमर त कुछो न बचलई रे बाप, अब कैसे जिंदगी कटतई. ई आग त सारा जिंदगी भर की जमा पूंजी के जला के राख कर देलई. अब जिंदगी कैसे जीबअई. हे भगवान न कोन सजा देला. अब कैसे तीन- तीन बच्चा के जिंदगी पलबई. दिघरा दलित बस्ती में लगी आग में अपना सब कुछ गवां बैठी वीरेंद्र राम की बेसुध पत्नी शैल देवी छाती पीट- पीट कर रो रही थी. वीरेंद्र का 15 साल पहले एक दुर्घटना में दायां हाथ कट गया था.
महाजन से कर्ज लेकर उसने टेंट हाउस का बिजनेस चालू किया था. लेकिन रविवार की दोपहर लगी आग में उसका पूरा टेंट का समान जलकर खाक हो गया. वह अपने तीन छोटे- छोटे मासूम बच्चों के साथ सड़क पर आ गया.
फरवरी में तय थी बेटी की शादी, सारा समान जला . महेश्वर राम की बेटी सरिता की शादी फरवरी माह में हाजीपुर में तय हुआ था. उसके परिवार के लोग शादी की तैयारी में व्यस्त थे. रविवार की दोपहर लगी आग में उसके परिवार का पूरा समान जलकर खाक हो गया.
अब बुढ़ापा में कहां जाये रे बाप बुजुर्ग महिला दुर्गा देवी और उनका पति विंदेश्वर राम आग बुझ जाने बाद बाद घर से 500 मीटर की दूरी पर खेत में अपनी दो मासूम पोती के साथ बैठे हुए थे. उनके चेहरे पर दर्द साफ दिख रहा था. दुर्गा देवी रो- रो कर बस एक ही बात कह रही थी कि अब बुढ़ापा में कहां जबई रे बाप. अब त जेहो सिर पर छप्पड़ रहलई उहो जल गेलई.

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