यूपीएससी में उर्मी सिन्हा को 170वां रैंक

अंकित आनंद को मिला 663वां रैंक

By BIRENDRA KUMAR SING | April 23, 2025 12:17 AM

मुंगेर. यूपीएससी का परिणाम जारी हो चुका है. इसमें मुंगेर की बेटी और बेटे ने बाजी मारी है. हवेली खड़गपुर निवासी उर्मी सिन्हा ने अपने पहले प्रयास में जहां 170 वां रैंक हासिल किया है. वहीं सदर प्रखंड के शंकरपुर निवासी अंकित आनंद ने अपने पांचवें प्रयास में 663वां रैंक प्राप्त कर मुंगेर का नाम रोशन किया है.

पहले प्रयास में उर्मी सिन्हा ने क्रेक किया यूपीएससी

हवेली खड़गपुर नगर क्षेत्र के मारवाड़ी टोला निवासी डाॅ रंजीत सिन्हा की पुत्री उर्मी सिन्हा ने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी को क्रेक किया. उर्मी के चाचा मारवाड़ी टोला निवासी डाॅ गौरव कुमार उर्फ चिंटू ने बताया कि उर्मी की पढ़ाई हावड़ा बंगाल से हुई है. वह पिता-मां के साथ हावड़ा में ही रहती है. लेकिन उसका पुस्तैनी घर हवेली खड़गपुर के मारवाड़ी टोला में है. जहां उसके संबंधी रहते भी हैं. पिता डाॅ रंजीत कुमार सिन्हा हावड़ा में ही चाइल्ड स्पेशलिस्ट हैं. उर्मी ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा पास किया है. सबसे बड़ी बात है कि सिविल सेवा में उर्मी ने 170वां रैंक लाया है. पिता ने बताया कि उर्मी बचपन से ही काफी मेधावी और परिश्रमी रही है. उर्मी की सफलता पर पड़ोसी शंभू केशरी, शुभम केशरी, उत्तम केशरी ने बधाई दी.

अंकित आनंद ने नहीं मानी हार, पांचवें प्रयास में मिली सफलता

जो व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानते और लगातार प्रयास करते हैं, उन्हें अंततः सफलता मिलती है. इसे साबित कर दिखाया है मुंगेर के लाल अंकित आनंद ने. सदर प्रखंड के शंकरपुर निवासी बैंक के शाखा प्रबंधक पद से सेवानिवृत बीरेंद्र कुमार के पुत्र अंकित आनंद ने यूपीएससी परीक्षा में 663 वां रैंक हासित किया है. अंकित ने प्लस टू तक की पढ़ाई डीएवी पटना से पूरी की. इसके बाद कोच्चि युनिवर्सिटी से बी-टेक किया और त्रिवेंद्रम में इंजीनियर की नौकरी कर ली. डेढ़ साल नौकरी करने के बाद यूपीएससी क्रेक करने का लक्ष्य बनाया. वर्ष 2020 से यूपीएससी परीक्षा में बैठना शुरू किया. 2022 में यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंचा, पर सफलता नहीं मिली. लेकिन उसने हार नहीं मानी और तैयारी जारी रखी. इस बार आखिरकार सफलता अपने नाम कर लिया. उसने कहा कि उसके पिता बीरेंद्र कुमार, माता, भाई डॉ आलोक प्रियदर्शी, छोटा भाई आदर्श संभव, आदित्य राज ने हमेशा उत्साह बढ़ाया. इसके बदौलत पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की. उसकी सफलता पर शिशिर कुमार लालू, मनीष कुमार समेत अन्य ने बधाई दी.

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