प्राकृतिक वादियों के बीच ऋषिकुंड का गर्म जल सैलानियों को करने लगा आकर्षित
इच्छानुसार गर्म जल का चयन कर स्नान कर आनंद उठाते हैं.
ठंड का मौसम आते ही ऋषिकुंड में पहुंचने लगे सैलानी
बरियारपुरप्राकृतिक वादियों के बीच स्थित ऋषिकुंड का गर्म कुंड ठंड का मौसम आते ही सैलानियों को अपनी ओर लुभाने लगती है. रामायण काल से प्रसिद्ध ऋषिकुंड स्थल को तपोस्थली के नाम से भी जाना जाता है. इस कुंड का इतिहास विभांडक ऋषि एवं श्रृंगी ऋषि से जुड़ा हुआ है जी ऋषि के परामर्श पर राजा दशरथ ने पुत्र रत्न की प्राप्ति हेतु यज्ञ किया था. तब से यह स्थल काफी प्रसिद्ध है. खासकर ठंड का मौसम आते ही यहां का गर्म जल का कुंड लोगों को काफी भाता है.
सैलानियों को लुभाता है यहां का गर्म कुंड
ऋषिकुंड का यह स्थल सैलानियों के लिए एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी काफी पसंदीदा है. इसके आसपास का क्षेत्र हरियाली से भरा होता है और यहां कई कुंड हैं. जिसमें गर्म जल का स्रोत निकलता है और सभी कुंड से निकलने वाले गर्म जल का तापमान अलग-अलग होता है. किसी में तापमान कम तो किसी में ज्यादा होता है. लोग अपनी इच्छानुसार गर्म जल का चयन कर स्नान कर आनंद उठाते हैं. यहां का गर्म जल औषधि युक्त होता है. यही कारण है कि कुंड में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाता है. यहां का पानी पीने एवं उस पानी में भोजन बनाने पर वह भोजन बहुत स्वादिष्ट बनता है एवं सुपाच्य होता है. प्रत्येक तीन वर्षों में मलेमास मेला भी लगता है एक माह तक चलता है. दूर-दूर से लाखों सैलानी यहां गर्म जल का आनंद लेने एवं पिकनिक मनाने पहुंचते हैं.
पर्यटक स्थल के रूप में किया जा रहा विकसित
ऋषिकुंड की महत्व को जानकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सद्भावना यात्रा के दौरान ऋषिकुंड पहुंचे थे और ऋषिकुंड को पर्यटन के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी. यहां करोड़ों रुपये की लागत से गेस्ट रूम, कुंड का सौंदर्यीकरण, यज्ञ मंडप एवं दर्जनों छत वाली पक्की दुकान बनाया जा रहा है. ताकि यहां आने वाले सैलानी ऋषिकुंड का आनंद ले सके और मौज मस्ती कर सके. हालांकि ऋषिकुंड को विकसित करने का कार्य जारी है. यही कारण है कि ठंड के मौसम में लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है.
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