छह माह से बंद विद्युत शवदाह गृह पर निगम हुई मेहरबान, एक सप्ताह में होगा चालू
लालदरवाजा श्मशान घाट पर पिछले छह माह से बंद पड़े विद्युत शवदाह गृह पर नगर निगम मुंगेर आखिरकार मेहरबान हो गयी.
विद्युत शवदाह गृह चालू होने से शवों का अंतिम संस्कार होगा आसान, लोगों को मिलेगी राहत
मुंगेर. लालदरवाजा श्मशान घाट पर पिछले छह माह से बंद पड़े विद्युत शवदाह गृह पर नगर निगम मुंगेर आखिरकार मेहरबान हो गयी. पटना से तकनीकी टीम को मरम्मत के लिए बुलाया गया है. जिसके लिए एक सप्ताह की गाइडलाइन निर्धारित की गयी है. इसके चालू होने से शवों के अंतिम संस्कार में जहां आसानी होगी, वहीं लोगों का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर होगी तथा समय का बचत होगा.विद्युत शवदाह गृह का मरम्मत कार्य शुरू
विद्युत शवदाह गृह का मरम्मत कार्य शनिवार से प्रारंभ हो गया. इसकी मरम्मत पटना की एक एजेंसी द्वारा की जा रही है. नगर आयुक्त शिवाक्षी दीक्षित, उप नगर आयुक्त, बुडको के अभियंता के साथ विद्युत शवदाह गृह पहुंचे और मरम्मत कार्य में लगे मैकेनिक से मुलाकात कर विद्युत शवदाह गृह को जल्द से जल्द ठीक करने का निर्देश दिया. विदित हो कि शवदाह गृह में लगे मशीन में करेंट दौड़ने लगी थी, जबकि एग्जॉस्ट फैन भी खराब हो गया है. एग्जॉस्ट फैन कमरे के तापमान और आर्द्रता को नियंत्रित करने में मदद करती है, जबकि शवदाह गृह में लगे मशीन की क्वाइल बेड एवं ब्रिक भी खराब हो गये थे. जिसके कारण विद्युत शवदाह गृह बंद हो गया था. शवदाह गृह बंद होने से शवों के अंतिम संस्कार में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रति दिन यहां 30 से 40 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने मशीन की क्वाइल बेड एवं ब्रिक बदल कर शवदाह गृह को एक सप्ताह के अंदर दुरुस्त कर चालू करने का निर्देश दिया. शवदाह गृह में काम कर रहे मरम्मत दल ने बताया कि उच्च क्वालिटी की सामग्री इसमें लगायी जा रही है, जो जल्द खराब नहीं होगी. एक सप्ताह के अंदर कार्य पूर्ण कर इसे चालू कर दिया जायेगा.मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय जिले के शवों का होता है दाह संस्कार
लाल दरवाजा स्थित विद्युत शवदाह गृह लगभग छह महीने (जून 2025 से) से तकनीकी खराबी और रखरखाव के अभाव में बंद पड़ा है. जिसके कारण मुंगेर जिला ही नहीं, बल्कि जमुई, शेखपुरा, लखीसराय जिले से शवों के दाह संस्कार के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है. उन्हें खुले श्मशान घाट पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इसको लेकर सामाजिक और राजनीतिक संगठन लगातार आवाज उठाते रहे, जबकि समाचार पत्रों में इसको लेकर खबर प्रकाशित कर नगर निगम प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने का काम किया गया, लेकिन छह माह बाद नगर निगम की नींद टूटी और बंद पड़े शवदाह गृह को चालू कराने के लिए मरम्मत दल को लगाया गया है.मरम्मत की जिम्मेदारी पटना की एक एजेंसी को दी गयी है, जिसके द्वारा कार्य भी आरंभ कर दिया गया है. शवदाह गृह में लगे मशीन की क्वाइल बेड एवं ब्रिक बदल कर एक सप्ताह के अंदर नगर वासियों के लिए चालू कर दिया जायेगा.शिवाक्षी दीक्षित, नगर आयुक्त
फाइलों में दम तोड़ रही मुक्तिधाम की योजना
मुंगेर. विद्युत शवदाह गृह नगर निगम के अधीन संचालित है, जिसके कारण रखरखाव की जिम्मेदारी भी निगम की है. निगम प्रशासन द्वारा लाखों रुपये यहां लगे मशीनरी पर खर्च किया जाता है, लेकिन साल के 365 दिन में 100 दिनों से अधिक यह बंद ही रहता है, जिसके कारण मुंगेर में एक नया मुक्तिधाम बनाने की सरकार ने स्वीकृति प्रदान की. इसके लिए राशि भी स्वीकृत की और दो-तीन साल पहले टेंडर भी फाइनल हो गया था, लेकिन जमीन की पेंच के कारण मुक्तिधाम की योजना बुडको के फाइलों में ही दम तोड़ रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
