टाउन हॉल के सामने लगातार अवैध रूप से खोले जा रहे स्टॉल, निगम प्रशासन मौन
नगर भवन निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण अपनी भव्यता खोता जा रहा है.
मुंगेर. नगर भवन निगम प्रशासन की उदासीनता के कारण अपनी भव्यता खोता जा रहा है. एक और जहां नगर भवन के अंदर निगम के प्राइवेट सफाई एजेंसी वालों ने कब्जा कर रखा है, तो दूसरी तरफ नगर भवन के पूर्वी द्वार के समीप अस्थाई दुकानदारों ने अतिक्रमण कर स्टॉल लगा रखा है. हद तो यह है कि शहर में चलने वाले मालवाहक पिकअप व हाफ डाला वाहन मालिकों ने यहां अस्थाई पार्किंग जोन बना रखा है. जिससे निगम की सुंदरता को जहां ग्रहण लग गया है, वहीं नगर निगम को भारी राजस्व की क्षति हो रही है. बावजूद निगम प्रशासन मौन धारण कर रखा है.
लगातार बढ़ता जा रहा अतिक्रमण का दायरा
शहर के बाबू वीर कुंवर सिंह पार्क से लेकर सितारिया चौक तक नगर निगम के पूर्वी किनारे के हिस्से में अतिक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. एक और जहां लोहे से बना स्टॉल अतिक्रमणकारियों ने लगा रखा है, वहीं दूसरी ओर खटाल बना कर एवं गुमटी रख कर जमीन पर कब्जा कर लिया है. जिसमें अधिकांश दुकान ऑटो मोबाइल्स से जुड़ा हुआ है. जहां चार चक्का वाहन से लेकर मोटर साइकिल की मरम्मती और सर्विसिंग हो रही है. इतना ही नहीं कई पंक्चर की दुकान भी यहां अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. हद तो यह है कि नगर निगम कार्यालय के नाक के नीचे यह अतिक्रमण हो रहा है, लेकिन निगम प्रशासन इसे हटाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है. आने वाले दिनों में इसी अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने के दौरान अपना कब्जा बताते हुए समस्या उत्पन्न करेगा.
मालवाहक वाहन मालिकों ने बना लिया है अस्थाई पार्किंग स्थल
नगर भवन के पूर्वी चहारदिवारी के बाहर की खाली जमीन पर कब्जा कर मालवाहन वाहन मालिकों ने पार्किंग स्थल बना लिया है. दिनभर 10 से 15 की संख्या में हाफ डाला एवं पिकअप मालवाहक वाहन यहां खड़ी रहती है, जबकि रात में इसकी संख्या 40 से 50 हो जाती है. मानो यह इनके लिए वैद्य रूप से पार्किंग स्थल हो. इस अतिक्रमण के खिलाफ न तो निगम प्रशासन सजगता दिखा रही है और न ही प्रशासनिक पहल हो रही है, जबकि इसके कारण इस मार्ग में हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है.
हो रहा लाखों का कारोबार, निगम को चवन्नी भी नहीं मिल रही
नगर भवन के चहारदिवारी के बाहर नाला एवं खाली पड़े फुटपाथ पर एक दर्जन से अधिक ऑटो सर्विस सेंटर, पंक्चर की दुकान, गुमटी एवं मोटर साइकिल मिस्त्री अपना दुकान संचालित कर लाखों कमा रहा है. वहीं मालवाहक वाहन खड़ी कर मालिक लाखों में प्रतिदिन कारोबार कर रहा है, लेकिन नगर निगम को राजस्व के नाम पर चवन्नी भी नहीं मिल रही है. एक ऑटो सर्विस दुकान चलाने वाले ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि निगम का स्टाफ हमलोगों से महीने का 400-500 रुपये वसूल कर ले जाता है.
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