महिलाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए सप्तशक्ति संगम आयोजित
आधुनिक जीवन शैली में आवश्यक परिवर्तन लाकर प्रकृति के अनुकूल जीवन शैली को अपनाना होगा
जमालपुर ———————— सरस्वती शिशु मंदिर, सफियाबाद में मंगलवार को सप्तशक्ति संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन विद्यालय की शिक्षिका पूनम सावित्री, अभिभावक मधुमिता अर्चना और निक्की ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. संचालन कर रही कीर्ति कमल ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य महिलाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करना है. जिससे वह एक सशक्त भूमिका का निर्माण कर सके. ममता कुमारी ने कहा कि मानव का अस्तित्व पूर्णता प्रकृति पर आश्रित है. एक प्राचीन श्लोक में पृथ्वी को माता और स्वयं को पिता कहा गया है. उन्होंने कहा कि प्राचीन ग्रंथो में पर्यावरण संरक्षण को मात्र एक-एक कर्तव्य नहीं, अपितु एक धार्मिक और आध्यात्मिक दायित्व के रूप में मान्यता दी गई है. जिसमें कहा गया है कि 10 कुओं के बराबर एक तालाब, 10 तालाबों के बराबर एक जलाशय, 10 जलाशयों के बराबर एक पुत्र और 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है. उन्होंने कहा हमें अपने आधुनिक जीवन शैली में आवश्यक परिवर्तन लाकर प्रकृति के अनुकूल जीवन शैली को अपनाना होगा और अधिक से अधिक वृक्ष लगाना होगा. कार्यक्रम में छात्राओं ने ऐतिहासिक नारियों के स्वरूप को धारण किया था, सोनम ने झांसी की रानी मुस्कान ने अहिल्याबाई होलकर, आयशा ने चिन्नम्मा, आराध्या ने सावित्रीबाई फुले, काव्या ने जीजाबाई, अंकीतू ने दुर्गा और माही ने काली का रूप धारण किया था. मौके पर उपस्थित माता ने यह संकल्प लिया कि वह अपनी भारतीय संस्कृति के गौरव परंपरा और पर्यावरण हितैषी जीवन शैली को अपनायेंगे तथा भारतीय नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करेगी. कार्यक्रम में 167 महिला अभिभावकों ने हिस्सा लिया. मौके पर कृति, पूनम, सावित्री, ममता, खुशी और सीमा उपस्थित थी.
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