सरस्वती शिशु मंदिर बेकापुर में समरसता दिवस का आयोजन
सरस्वती शिशु मंदिर बेकापुर में शनिवार को समरसता दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें सेवा बस्ती के बच्चों की भी सहभागिता रही.
मुंगेर. सरस्वती शिशु मंदिर बेकापुर में शनिवार को समरसता दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें सेवा बस्ती के बच्चों की भी सहभागिता रही. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख अशोक कुमार ने कहा कि भगवान राम वनवास के दौरान सभी से मिले, गले लगाया, जूठा बेर भी खाए. कहने का अर्थ किसी के साथ भेद भाव नहीं किया. उनकी नजर में सभी एक हैं, सभी का सम्मान है. उसी भाव एवं चिंतन के साथ देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार ने इसे आगे बढ़ाने का कार्य 1925 में शुरू किया और आज भी इसी भाव के साथ कार्य आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि मुगलों का शासन 600 वर्षों तक चला. इसका मुख्य कारण आपस में संगठित न होना, जात-पात का हावी होना, संगठन तैयार नहीं रहना आदि हैं, इसलिए हमें आपसी समरसता के लिए भगवान राम की सोच को अपनाना चाहिए. समरसता का अर्थ एक समान दृष्टि, अच्छी सोच विकसित करना, सबों के प्रति सहयोग का भाव आज के कालखंड में अति आवश्यक है, तभी समरसता की सार्थकता पूरी होगी. प्रधानाचार्य संतोष आनंद ने कहा कि हमलोगों की सोच अलग अलग थी. जिसके कारण बहुत अत्याचार विदेशियों द्वारा हुआ. आज के समाज को संगठित होना ही होगा. मौके पर पूर्व प्रधानाचार्य रतन कुमार, दीपक कुमार वर्मा आदि मौजूद थे.
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