डॉ आंबेडकर ने देश के संविधान में स्वतंत्रता, समानता, न्याय की अवधारणा को किया मजबूत
बीआर महिला कॉलेज में शनिवार को हिंदी विभाग और इतिहास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से डॉ भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर 'बाबा साहब स्मृति व्याख्यान' का आयोजन किया गया.
मुंगेर. बीआर महिला कॉलेज में शनिवार को हिंदी विभाग और इतिहास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से डॉ भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर ”बाबा साहब स्मृति व्याख्यान” का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ निर्मला कुमारी ने किया. कार्यक्रम का संचालन इतिहास विभागााध्यक्ष श्याम कुमार तथा संयोजन डॉ अभय कुमार ने किया. मुख्य अतिथि सह वक्ता के रूप में जमालपुर कॉलेज जमालपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ चंदन कुमार थे. सर्वप्रथम प्रभारी प्राचार्या ने बाबा साहब आंबेडकर के तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इतिहास विभाग की छात्रा श्रीनिधि ने कहा कि डॉ भीमराव आंबेडकर ने भारत के संविधान के केंद्र में स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व की अवधारणा को मजबूत किया और हमारे लोकतांत्रिक चेतना को मजबूती दी. कार्यक्रम संयोजक ने कहा कि व्यक्ति की मृत्यु होती है, लेकिन व्यक्तित्व जिंदा रह जाता है. महिला एवं वंचित वर्ग को नारकीय जीवन से मुक्ति देने वाले आंबेडकर का व्यक्तित्व तब तक जिंदा रहेगा, जबतक वंचितों के न्याय के लिए संविधान रहेगा. मुख्य वक्ता ने कहा कि आज जब स्कूल लगातार बंद किए जा रहे हैं. प्राइवेट विश्वविद्यालय को सरकार प्रमोट कर रही है, सरकारी संस्थानों शिक्षक और संबंधित संसाधन लगातार कम होते जा रहे हैं, लगातार फीस वृद्धि से गरीब छात्रों की पहुंच से शिक्षा को दूर कर रही है, तब आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि जो शिक्षा शेरनी का दूध है, उसको पीने से रोकने वाले कौन लोग हैं, इसे पहचानने की जरूरत है. इतिहास विभागाध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक से ज्यादा सामाजिक स्वतंत्रता की जरूरत लोगों को है. बाबा साहब ने इस धारणा को मजबूत करने के लिए कलम चलाई और मनुष्यता की भावना को मजबूती देने के लिए संघर्ष किया. प्राचार्य ने कहा कि स्त्रियों के साथ समाज में भेदभाव होता आया है, जिसके लिए बाबा साहब ने आवाज उठाई. मौके पर श्रृति, सीता, श्वेता, रोशनी, कनिष्का, अध्या, निधि, सोनाली, तान्या, अनामिका, ऋतु, मलका, तसनीम खुर्शीद, कुमकुम, प्रीति आदि मौजूद थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
