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शोध के प्रति विश्वविद्यालय का लापरवाह रवैया बढ़ा रहा पीएचडी के शोधार्थियों की परेशानी

शोधार्थियों और उनके शोध पत्र को लेकर विश्वविद्यालय का लापरवाह रवैया शोधार्थियों के लिए परेशानी का कारण बन गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 7, 2025 6:47 PM
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पीजीआरसी की बैठक नहीं होने के कारण अपने टॉपिक पर रिसर्च नहीं कर पा रहे शोधार्थी

मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय ने भले ही शोध आरंभ कर दिया है, लेकिन अपने शोधार्थियों और उनके शोध पत्र को लेकर विश्वविद्यालय का लापरवाह रवैया शोधार्थियों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. हाल यह है कि 6 माह के रिसर्च मैथोलॉजी कोर्स वर्क और उसका रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद शोधार्थी अपने शोध का टॉपिक अपने विभागों में जमा कर चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय में पीजीआरसी की बैठक नहीं होने के कारण अबतक न तो शोधार्थियों के शोध पत्र को स्वीकृति मिल पायी है और न ही उनका रजिस्ट्रेशन हो पाया है. जिसके कारण असमंजस की स्थिति में शोधार्थी अपने शोध टॉपिक पर शोध आरंभ नहीं कर पा रहे हैं. बता दें कि एमयू ने अपने 20 पीजी विभागों के अंतर्गत 12 जनवरी 2024 को पीएचडी में लगभग 500 शोधार्थियों ने नामांकन लिया. वहीं जनवरी माह से ही शोधार्थियों का 6 माह का रिसर्च मैथोलॉजी कोर्स वर्क की कक्षाएं भी आरंभ हुई. हलांकि बीच में दो माह लोक सभा चुनाव के कारण कक्षाएं प्रभावित रही, लेकिन चुनाव के बाद न केवल कक्षाएं पूर्ण हुयी, बल्कि रिसर्च मैथोलॉजी कोर्स वर्क की परीक्षाएं भी पूर्ण की गयी. जिसके बाद विश्वविद्यालय में 16 दिसंबर 2024 को रिजल्ट भी प्रकाशित कर दिया. इसके बाद सभी विभागों के शोधार्थियों ने अपने शोध का टॉपिक अपने संबंधित विभागों में आयोजित डीआरसी की बैठक में जमा भी कर दिया.

अबतक नहीं हो पायी है पीजीआरसी की बैठक

विभाग स्तर पर शोधार्थियों के शोध टॉपिक को स्वीकृति मिलने के बाद इसे विश्वविद्यालय स्तर पर पीजीआरसी की बैठक में स्वीकृत किया जाना है. जिसके बाद न केवल उनके शोध टॉपिक पर शोध करने की अनुमति मिल जायेगी, बल्कि पीएचडी में रजिस्ट्रेशन भी होगा, लेकिन रिजल्ट प्रकाशित होने के लगभग ढ़ाई माह बाद भी अबतक एमयू पीजीआरसी की बैठक नहीं करा पाया है. जिसके कारण विश्वविद्यालय के शोधार्थियों में असमंजस की स्थिति बनी है, क्योंकि पीजीआरसी की बैठक नहीं होने के कारण शोधार्थियों का अबतक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है, वहीं रजिस्ट्रेशन न होने के कारण शोधार्थी अपने शोध टॉपिक पर रिसर्च आरंभ नहीं कर पा रहे हैं. हद तो यह है पीजीआरसी की बैठक नहीं होने के कारण शोधार्थी अबतक अपने शोध टॉपिक को लेकर भी असमंजस की स्थिति में हैं.

बिना रजिस्ट्रेशन कहीं भी शोध की नहीं मिल रही अनुमति

एमयू के शोधार्थी भले ही पीजीआरसी की बैठक की प्रत्याशा में अपना शोध टॉपिक पर रिसर्च आरंभ कर सकते हैं, लेकिन बिना रजिस्ट्रेशन के शोधार्थियों को अपने शोध के लिए किसी जगह पर जाकर रिसर्च करने की अनुमति तक संबंधित संस्थान द्वारा नहीं दी जा रही है. संबंधित संस्थानों द्वारा विश्वविद्यालय के शोधार्थी से रजिस्ट्रेशन नंबर की मांग की जा रही है. जबकि रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय अबतक अपने पीएचडी के रिक्त सीटों पर नामांकन तक आरंभ नहीं कर पा रहा है.

कहते हैं डीएसडब्ल्यू

डीएसडब्ल्यू प्रो. भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि कुछ विभाग द्वारा हाल में डीआरसी की बैठक संपन्न कर शोधार्थियों का शोध पत्र भेजा है. जल्द ही पीजीआरसी की बैठक कर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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