Motihari: काश्मीर सिंह को रिमांड पर दिल्ली ले गयी एनआइए

. शहर के मोतीझील पथ से गिरफ्तार एनआइए के दस लाख के इनामी खालिस्तानी आतंकी काश्मीर सिंह गलवड्डा उर्फ बलबीर सिंह को रविवार को देर शाम सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया.

By SATENDRA PRASAD SAT | May 12, 2025 10:02 PM

Motihari: मोतिहारी. शहर के मोतीझील पथ से गिरफ्तार एनआइए के दस लाख के इनामी खालिस्तानी आतंकी काश्मीर सिंह गलवड्डा उर्फ बलबीर सिंह को रविवार को देर शाम सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. एनआइए ने ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दी. कोर्ट ने उसे चार दिन का ट्रांजिट रिमांड दिया. इसके बाद एनआइए काश्मीर सिंह को लेकर दिल्ली चली गयी. उसके पास से खालिस्तानी झंडा व अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ है. उसकी गिरफ्तारी के बाद देश की कई सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ करने मोतिहारी पहुंचीं. रॉ व आइबी के अधिकारियों ने भी उससे घंटों पूछताछ की.

काश्मीर सिंह ने नाभा जेल ब्रेक कांड से लेकर बब्बर खालसा व खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह संधु के साथ मिलकर न सिर्फ आतंकी गतिविधियों में अपनी संलिप्तता स्वीकारी, बल्कि नाभा जेल ब्रेककांड, पंजाब के खुफिया मुख्यालय पर हमला सहित अन्य घटनाओं का भी खुलासा किया. उसने यह भी बताया कि उसके आंतकी संगठन को विदेश से फंड मिलता है. वह नेपाल में रह पहचान छुपाने के लिए कपड़ा बेचने का काम करता था. कपड़ा बेचने के बहाने वह घूम-घूम कर एक खास समुदाय के लोगों को संगठन से जोड़ भी रहा था. एक अधिकारी की माने, तो काश्मीर सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआइ) व रिंदा के नेपाल स्थित नेटवर्क का अहम हिस्सा है. खालिस्तानी आतंकियों को नेपाल में छुपने की जगह उपलब्ध कराने के साथ सारी सुखा-सुविधा उन्हें मुहैया कराता था. इसके लिए उसके पास विदेश से पैसा आता था.

रमनजीत सिंह को बताया नाभा जेल ब्रेककांड का मास्टरमाइंड

27 नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेककांड हुआ था. इसका मास्टरमाइंड रमनजीत सिंह उर्फ रोमी था. उसने अपने एक दर्जन साथियों के साथ मिलकर देश को हिला देने वाली इस घटना को अंजाम दिया था. नाभा जेल ब्रेककांड की पूरी साजिश आठ गैंगस्टरों को छुड़ाने के लिए रची गयी थी. वारदात के समय दो अपराधी भागने में सफल नहीं हो पाए थे. काश्मीर सिंह के साथ पांच अन्य आतंकी जेल से भागने में सफल रहे थे.

गुरप्रीत सिंह ने कहा था जेल से बाहर निकालने को

पुलिस की माने, तो कुख्यात गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह व उसके पांच अन्य साथी नाभा जेल में बंद थे. सभी को जेल से बाहर निकालने के लिए उसके गिरोह के अहम सदस्य रोमी ने जेल ब्रेक की साजिश रची थी. गुरप्रीत सिंह ने रोमी को अगस्त के महीने में नाभा जेल से बाहर निकालने को कहा था. इसके बाद रोमी ने पूरी योजना बनायी. उसके साथियों ने 27 नवंबर 2016 को पटियाला के नाभा जेल पर हमला कर दिया. इसमें गुरप्रीत सिंह शेखो, काश्मीर सिंह व खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स का प्रमुख हरमिंदर सिंह मिंटू सहित छह आतंकी जेल से भागे थे.

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