नौ साल में बिहार का हरित आवरण हुआ 15 प्रतिशत से अधिक, नीतीश कुमार ने दिया 17 प्रतिशत का नया लक्ष्य

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि किसानों को मौसम के अनुकूल कृषि और जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करें. उन्हें बताएं कि फसल अवशेष को नहीं जलाएं.

By Prabhat Khabar | June 16, 2021 7:15 AM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि किसानों को मौसम के अनुकूल कृषि और जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करें. उन्हें बताएं कि फसल अवशेष को नहीं जलाएं. सीएम ने कहा कि लोगों को सौर्य ऊर्जा के उपयोग व उसके उत्पादन और ऊर्जा की बचत के लिए प्रेरित करें. कॉलेज, पुराने सरकारी स्कूल के भवन, नये बनाये गये इंस्टीट्यूट के भवनों पर भी सौर प्लेट लगाएं. संबंधित विभाग आपस में इसे लेकर बैठक करके कार्ययोजना तैयार करें. जल-जीवन-हरियाली अभियान के बारे में लोगों के बीच प्रचार-प्रसार कराएं, उन्हें इस अभियान के उद्देश्य व फायदों के बारे में बताएं.

मुख्यमंत्री एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा कर रहे थे. सीएम ने कहा कि जबसे बिहार में काम करने का मौका मिला है, राज्य में विकास के कई कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई कदम उठाये गये हैं. पौधारोपण के साथ-साथ जल संरक्षण को लेकर भी कार्य किये जा रहे हैं. राज्य के बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण नौ प्रतिशत रह गया था.

वर्ष 2012 में हरियाली मिशन शुरू किया गया और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया, जिनमें लगभग 22 करोड़ पौधे लगाये गये. अब राज्य का हरित आवरण 15% से अधिक हो चुका है. अब इसे 17% से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए तेजी से पौधारोपण कराया जा रहा है. पांच जून से नौ अगस्त 2020 तक 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इससे अधिक 3.94 करोड़ पौधारोपण किया गया. पांच जून, 2021 को पांच करोड़ पौधे लगाने के लक्ष्य की शुरुआत की गयी है. पौधारोपण के बाद इसके रखरखाव पर विशेष ध्यान देने की बात भी कही.

सार्वजनिक चापाकलों को हर हाल में रखें चालू

मुख्यमंत्री ने खासतौर से निर्देश दिया कि सार्वजनिक चापाकाल हर हाल में चालू (फंक्शनल) रहे. जीर्णोद्धार कराये गये कुओं और चापाकलों के किनारे सोख्ताें का निर्माण जरूर कराएं. अतिक्रमण मुक्त कराये गये जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास के लिए कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि लोगों को जलवायु संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. निरंतर इस बात का आकलन और समीक्षा करें कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किये जा रहे कार्य तेजी से पूर्ण हो. इस अभियान के तहत निर्धारित कार्यों को पूरे मनोयोग से पूर्ण करें.

यूएन में भी हुई जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना

मुख्यमंत्री ने कहा कि युनाइटेड नेशन (यूएन) में भी बिहार के जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना हुई थी. इस अभियान की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है. इसके अलावा बिल गेट्स जब पटना आये थे, उस समय उनसे जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर चर्चा हुई थी. यहां से जाने के बाद उन्होंने इस अभियान की प्रशंसा की थी. उन्होंने कहा कि 19 जनवरी, 2020 को पर्यावरण संरक्षण को लेकर 5.16 करोड़ से अधिक लोगों ने मानव श्ृंखला बनायी.

पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों व विधायकों के साथ वर्ष 2019 में बैठक की गयी. इसमें सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को मिशन मोड में चलाया जाये. जल-जीवन-हरियाली का मतलब है, जल और हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है. चाहे वह जीवन मनुष्य, पशु-पक्षी या किसी अन्य जीव जंतु की हो. जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने का प्रावधान किया गया है. यह बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए बड़ी बात है.

समीक्षा के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी. जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राजीव रौशन ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.

जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों मसलन आहर, तालाब, पोखर, कुओं को चिह्नित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना, सार्वजनिक कुओं व चापाकलों के किनारे सोख्ताें का निर्माण, छोटी-छोटी नदियों या नालों और पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम और जल की संरचना का निर्माण, नय जल स्रोतों का सृजन, गंगा जल उद्वह योजना समेत अन्य की अपडेट जानकारी दी.

इस बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, सचिव अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी, संबंधित विभागों के मंत्री, मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी और संबंधित विभागों के प्रधान सचिव या सचिव जुड़े हुए थे.

Posted by Ashish Jha

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