Bihar: खून की उल्टी कर रहे थे मंत्री अश्विनी चौबे के भाई, सबसे बड़े अस्पताल में नर्स के भरोसे चला इलाज, मौत

Bihar News: केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के भाई निर्मल चौबे की मौत अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से हो गयी. भागलपुर के सबसे बड़े अस्पताल JLNMCH में नर्स के भरोसे उनका इलाज चला. ICU में बिना डॉक्टर के ही छटपटाकर उनकी मौत हो गयी.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 28, 2023 6:36 AM

Ashwini Chaubey Brother Death: केंद्रीय मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे के छोटे भाई निर्मल चौबे का निधन शुक्रवार देर शाम भागलपुर के मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया. मौत के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से मृत्यु होने का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक जमकर हंगामा किया. वहीं अधीक्षक ने लिखित में स्वीकारा कि ICU में कोई डॉक्टर नहीं था.

लिखित तौर पर दिया कि अस्पताल के आइसीयू में नहीं थे डॉक्टर

घटना की जानकारी पाकर सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी और बरारी थानाध्यक्ष एसआइ संजय सत्यार्थी दलबल के साथ अस्पताल पहुंचे. आक्रोशित परिजनों को शांत कराया. इधर अस्पताल प्रबंधन पर लगे आरोपों के बाद अस्पताल अधीक्षक असीम कुमार दास ने मृतक के परिजनों को लिखित तौर पर दिया कि अस्पताल के आइसीयू वार्ड में मरीज के भर्ती रहने के दौरान कोई भी डाक्टर उपस्थित नहीं थे. वहीं अधीक्षक ने उस वक्त ड्यूटी पर तैनात दो जुनियर डाक्टरों को सस्पेंड कर दिया है.

खून की उल्टी होने पर ले गए अस्पताल

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के छोटे भाई आदमपुर मानिक सरकार निवासी निर्मल चौबे के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब चार बजे आवास पर ही अचानक उनकी तबियत बिगड़ गयी. बीपी बढ़ गया था और सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी. इस दौरान उन्होंने खून की उल्टी भी की. जिसके बाद वे लोग सीधे उन्हें लेकर मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल पहुंच गये. जहां उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें आइसीयू में भर्ती कराया गया.

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नर्स ने ही इलाज किया

भर्ती कराये जाने के बाद नर्स ने ही उनका इलाज शुरू किया. इस दौरान कोई भी डाक्टर उनकी स्थिति तक जानने नहीं पहुंचा. करीब दो घंटे तक बिना इलाज के लिये तड़पने के बाद शाम करीब साढ़े छह बजे उनकी मृत्यु हो गयी. जिसके बाद जब उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से इस बाबत जवाब मांगा गया तो अस्पताल प्रबंधन ने भी चुप्पी साध ली. वहीं भागलपुर के आमजनों में भी इसे लेकर आक्रोश दिखा.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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