Madhubani News : वार्ड 23 में नल जल योजना के जलमीनार का निर्माण अधूरा
निगम एरिया के पुराने वार्ड 15, 16, 17 में करीब 6 माह पूर्व नल जल योजना सुचारू रूप से चलने के लिए जल मीनार का निर्माण शुरू किया गया था.
मधुबनी.
निगम एरिया के पुराने वार्ड 15, 16, 17 में करीब 6 माह पूर्व नल जल योजना सुचारू रूप से चलने के लिए जल मीनार का निर्माण शुरू किया गया था. वार्ड के परिसीमन में अब निगम के वार्ड 23 में नल जल योजना से वंचित लोगों ने सड़क पर उतरने का मन बना लिया है. वार्ड के करीब 250 घरों तक अब तक नल जल योजना का लाभ नहीं पहुंचा है. घरों तक पाइपलाइन नहीं पहुंचायी गयी है. पिछले कई सालों से लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. नगर निगम इन घरों पर पाइपलाइन पहुंचाने के प्रति उदासीन है. लोगों ने नगर निगम कार्यालय पर धरना देने की तैयारी में हैं. वार्ड 23 में जलापूर्ति के लिए सूरतगंज स्थित कामेश्वरनाथ महादेव मंदिर के सामने तालाब के एक भिंडा पर एक जलमीनार का निर्माण करीब एक साल से चलने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका. जलमीनार निर्माण स्थल पर योजना संबंधी बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. जिससे जलमीनार निर्माण संबंधी लागत व निर्माण कार्य की समय सीमा सहित अन्य जानकारी स्पष्ट नहीं हो रहा है.घरों तक नल का जल आपूर्ति करने में निगम उदासीन
लोगो ने बताया कि वार्ड 23 में नल जल योजना से वंचित घरों को पाइपलाइन से जोड़ना जरूरी है. वार्ड के घरों तक नल का जल नहीं दिये जाने में निगम उदासीन बना है. कई साल पूर्व नल जल योजना के तहत सड़क किनारे पाइपलाइन का कार्य शुरू किया गया था. जिसे अधूरा छोड़ दिया गया है. अधूरा कार्य करने वाले संवेदकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना ही अधूरा कार्य को फिर से शुरू किया गया. वार्ड के लोगों ने बताया कि वार्ड 23 के लिए अब तक एक भी जलमीनार का निर्माण नहीं कराया गया है. निगम सिर्फ टैक्स पर जोर दे रहा है. लेकिन पेयजल उपलब्ध कराने में उदासीन बना है.गर्मी के महीने में नीचे चला जाता है जल स्तर
गर्मी के महीने में जल स्तर गिर जाता है. इसके कारण मोहल्ला में पानी की समस्या और भी गंभीर हो जाता है. इस समय क्षेत्र के लोग शुद्ध पेयजल की कमी से जूझते हैं. नल जल योजना का उद्देश्य था कि हर घर तक नियमित और शुद्ध जल की आपूर्ति हो, लेकिन यह योजना क्षेत्र में सही तरीके से धरातल पर नहीं उतर पाया. नल जल योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को लगातार पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है. गर्मी के दिनों में जलस्तर नीचे चले जाने के बाद, कई इलाकों में जल संकट और गहरा जाता है. लोग पानी की बुनियादी आवश्यकता के लिए भी संकट का सामना कर रहे हैं. स्थानीय निवासियों को पानी की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए या तो दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है या फिर प्रदूषित जल का उपयोग करना पड़ता है.
पानी के लिए देना पड़ता है टैक्स
नगर परिषद से नगर निगम में अपग्रेड होने के बाद शहर में होल्डिंग टैक्स में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. पहले हजार होल्डिंग धारक थे. अब यह बढ़कर तकरीबन 29 हजार पर पहुंच गया है. अब पानी के लिए अलग से टैक्स लिया जा रहा है. प्रति होल्डिंग धारक को पानी उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम 25 रुपये टैक्स लेती है. जबकि 40 फीसदी की आबादी को बिना पानी उपलब्धता कराए टैक्स लिया जा रहा है. वहीं साफ-सफाई की स्थिति फरवरी 24 में टैक्स संग्रहण के लिए निजी एजेंसी बीरा वेंचर्स (ओपीसी) प्रा लि. को कार्य सौंपा गया था.तेजी से काम पूरा करने का दिया गया निर्देश
मेयर अरुण राय ने बताया कि वार्ड 23 के लिए जलमीनार का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया गया है. निगम के अन्य वार्डों में नल जल योजना की समीक्षा की जाएगी. जिससे लोगों को जलापूर्ति का लाभ मिल सके.
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