Madhubani News : पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के लिए सारथी रथ को सीएस ने किया रवाना
जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है.
मधुबनी.
जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए समय-समय पर परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन कर महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी पर बल दिया जाता है. इसमें महिलाओं की सहभागिता पुरुषों से अधिक देखी जाती है. वहीं जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरुषों की सहभागिता को लेकर भी सरकार लगातार प्रयासरत है. इसके लिए पुरुषों को आगे आने के लिए लगातार प्रेरित भी किया जाता है. इसके लिए 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान 21 नवंबर से 27 नवंबर तक दंपत्ति संपर्क सप्ताह एवं 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा संपादित किया जाएगा. कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए शनिवार को सदर अस्पताल परिसर से सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने सारथी रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर सिविल सर्जन ने कहा कि सारथी रथ के माध्यम से लोगों को जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाना व योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना है. इसका मुख्य मकसद इस पखवाड़े में पुरुष नसबंदी को बढ़ावा दिया जाना और नसबंदी के प्रति पुरुषों को आगे आने के लिए प्रेरित किया जाना है. अभियान के दौरान जिले के सभी अस्पतालों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज कुमार मिश्रा, डीसीएम नवीन दास सहित कई चिकित्सक एवं कर्मी उपस्थित थे.महिला बंध्याकरण की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल व सुरक्षित
सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि परिवार नियोजन सेवाओं को सही मायने में धरातल पर उतारने और समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे की अहमियत समझाने की हरसंभव कोशिश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनवरत की जा रही है. यह तभी फलीभूत हो सकता है, जब पुरुष भी खुले मन से परिवार नियोजन साधनों को अपनाने को आगे आएं और उस मानसिकता को तिलांजलि दे दें, कि यह सिर्फ और सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी है. पुरुष नसबंदी से शारीरिक कमजोरी आती यह गलत धारणा है. इसको मन से निकालकर यह जानना बहुत जरूरी है, कि महिला बंध्याकरण की अपेक्षा पुरुष नसबंदी अत्यधिक सरल और सुरक्षित है. इसलिए दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के लिए और जब तक बच्चा न चाहें तब तक पुरुष अस्थायी साधन कंडोम को अपना सकते हैं. वहीं परिवार पूरा होने पर परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को भी अपनाकर अपनी अहम जिम्मेदारी निभा सकते हैं.
दो और तीन बच्चों के पिता को किया जाएगा जागरूक
अभियान के दौरान दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही एक बच्चे के पिता को परिवार नियोजन के अस्थाई उपाय के रूप में कंडोम इस्तेमाल करने और दो और तीन बच्चों के पिता को पुरुष नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित कर इसके लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराए जाएंगे. जिले के सभी अस्पतालों और प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी और अस्थाई साधन के रूप में गर्भनिरोधक गोली और इंजेक्शन के साथ- साथ कॉपर टी लगवाने की सुविधा उपलब्ध है. इसी तरह पुरुषों के लिए भी कंडोम उपलब्ध है.
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