Madhubani News : जय श्रीराम उद्घोष के साथ परिक्रमा यात्रा नेपाल के मटिहानी स्थान पहुंची
गिरिजास्थान से प्रस्थान कर रविवार को भारत नेपाल सीमा पर स्थित ऐतिहासिक मटिहानी स्थान के परिक्रमा गाछी पहुंची.
मधवापुर. मिथिलाधाम की प्रसिद्ध 15 दिवसीय 84 कोस की परिक्रमा यात्रा मिथिला बिहारी और किशोरीजी की डोली के साथ जय श्रीराम का उदघोष करते हुए गिरिजास्थान से प्रस्थान कर रविवार को भारत नेपाल सीमा पर स्थित ऐतिहासिक मटिहानी स्थान के परिक्रमा गाछी पहुंची, जहां नगरपालिका के मेयर हरि प्रसाद मंडल सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आगत साधु संतों व यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया. 84 कोस की यह परिक्रमा यात्रा कल्याणेश्वर स्थान से विधिवत संकल्प के साथ शुरू होती है, जो भारत व नेपाल के कुल 15 देवस्थल का परिक्रमा करती हुई पुनः अपने प्रारंभिक स्थान पर पहुंचती है. प्रसिद्ध धार्मिक स्थान कल्यानेश्वर स्थान, गिरिजास्थान, मटिहानी स्थान के बाद इस यात्रा का अगला पड़ाव जलेश्वर स्थान होगा. इसके बाद मरई स्थान, घ्रुव कुंड, कंचन वन, छीलेश्वर स्थान, परवता, धनुषा धाम, सतोखर, औरही व करूणा की परिक्रमा पूर्ण कर पुनः कल्याणेश्वर स्थान पहुंचेगी, जहां संकल्प को पूर्ण कर विश्वामित्र आश्रम बिशौल पहुंचकर रात्रि विश्राम करेगी. अगले दिन साधु संतों व परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं की टोली जनकपुरधाम पहुंचकर पंचकोशी परिक्रमा पूर्ण करेंगे. इसके साथ ही 15 दिवसीय 84 कोस की परिक्रमा यात्रा का समापन हो जाएगा. इसके अगले दिन मिथिला में होली मनाने की परंपरा है. इस परिक्रमा यात्रा में भारत नेपाल के हजारों साघु संत, महंत व दोनों देशों के विभिन्न क्षेत्रों से आये सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं. इस परिक्रमा मेला में खाने पीने और चिकित्सा शिविर के साथ ही रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था मेला प्रबंधन की ओर से की गयी. वहीं शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए भारत व नेपाल के सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी की गयी थी. सदियों से चली आ रही यह परिक्रमा यात्रा दोनों देशों के बीच अटूट रिश्तों को प्रगाढ़ बनाती है. इस परिक्रमा पड़ाव के दौरान दोनों देशों के हजारों लोग यात्रा में शामिल साधु संतो के दर्शन के लिए जुटे थे.
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