शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बड़ा एलान, कहा- जल्द भरे जायेंगे 3.38 लाख शिक्षकों के खाली पद, होगा ये बदलाव

शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर गुरुवार को मधुबनी पहुंचे हुए थे. इस दौरान उन्होंने बड़ा एलान किया. उन्होंने कहा कि तीन लाख 38 हजार माध्यमिक प्राथमिक उत्तर माध्यमिक इकाई में शिक्षकों का पद रिक्त हैं. इसे भी जल्द भरा जायेगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 2, 2022 2:22 PM

मधुबनी. शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर ने झंझारपुर में संवाददाताओं से कहा कि शिक्षक नियोजन नीति में अब बदलाव करने की जरूरत है. पूर्व में नियोजन इकाइयों ने शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया है. इस में परिवर्तन लाने के लिए सरकार काम कर रही है. नयी शिक्षा नीति लाकर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जायेगा. भविष्य में नियोजन इकाई को केंद्रीयकृत किया जायेगा. इससे शिक्षक नियोजन में पारदर्शिता आयेगी.

‘शिक्षा पर 25% खर्च करने की घोषणा’

शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा के आधारभूत संरचना के लिए ढाई सौ करोड़ की योजना को स्वीकृति दी गयी है. सूबे की बजट में शिक्षा पर 25% खर्च करने की घोषणा की गयी है. इससे पूर्व मात्र 21 फीसदी शिक्षा पर खर्च किया जाता था. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विकास पुरुष हैं. वे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी के साथ सूबे का विकास कर रहे हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बिहार के बेरोजगारों के लिए चिंतित है. उन्होंने कहा कि नशा मुक्त बिहार बनाना मुख्यमंत्री का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने शिक्षकों की समस्या स्थानांतरण, वेतन विसंगति के संबंध में कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है. शीघ्र ही इन लोगों को उचित प्लेटफाॅर्म मिल जायेगा.

संघी लोग नफरत फैला रहे हैं- शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री ने कहा कि तीन लाख 38 हजार माध्यमिक प्राथमिक उत्तर माध्यमिक इकाई में शिक्षकों का पद रिक्त हैं. इसे भी जल्द भरा जायेगा. इसमें समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. भरोसा करें. शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि संघी लोग सत्ता पर काबिज होने के लिए नफरत फैला रहे हैं.

शिक्षक नियोजन नियमावली बदलाव की तैयारी

बता दें कि राज्य सरकार शिक्षक नियोजन नियमावली, 2020 में बड़ा बदलाव करने जा रही है. इसके तहत शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया और नियोजन इकाई को केंद्रीयकृत किया जायेगा. पंचायती राज संस्थाओं को इससे या तो अलग किया जायेगा या उनकी भूमिका सीमित कर दी जायेगी. संशोधित नियमावली को जल्द ही कैबिनेट में पेश किये जाने की तैयारी है.

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