पथों की हालत बदहाल, चलने में परेशानी

मधवापुर : आजादी के छह दशक बाद भी प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी की दूरी पर स्थित वासुकी बिहारी उतरी पंचायत में ऐसी दर्जन भर से अधिक ग्रामीण सड़कें हैं जो आज भी बदहाली के दौर से गुजर रही है. हालांकि, बहुत ऐसी सड़कें भी हैं, जिसका अतिक्रमणकारियों ने नामोनिशान भी मिटा दिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2016 1:22 AM

मधवापुर : आजादी के छह दशक बाद भी प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी की दूरी पर स्थित वासुकी बिहारी उतरी पंचायत में ऐसी दर्जन भर से अधिक ग्रामीण सड़कें हैं जो आज भी बदहाली के दौर से गुजर रही है. हालांकि, बहुत ऐसी सड़कें भी हैं, जिसका अतिक्रमणकारियों ने नामोनिशान भी मिटा दिया है. बावजूद, पंचायत या पंचायत समिति से खरंजाकरण कर इसे कामचलाऊ बनाने की कोशिश बीते वर्षों में की गयी है. हालांकि, पंद्रह वर्षों तक गांव के विधायक रहे पूर्व मंत्री स्व. प्रो. युगेश्वर झा के कार्यकाल में भी कुछ पथों में मिट्टीकरण और खरंजाकरण किया गया था.

लेकिन, उस समय या लगातार पंद्रह वर्षों के अपने मुखिया काल में वर्तमान मुखिया द्वारा बनाये गये सड़कों की उचित देखभाल नहीं की गयी जिसके कारण एक दो नयी पीसीसी ढ़लाई सड़क को छोड़ दें तो मधवापुर -दरभंगा मुख्य पथ सहित अधिकांश ग्रामीण सड़कें आज चलने लायक नहीं रह गयी है.

विभिन्न विकास योजनाओं से बनी इन सड़कों का समय से मरम्मत नहीं होने, बेतरतीब जारी अतिक्रमण, इस पर फेंके गये कचड़े की ढ़ेर से पसरी गंदगी, निर्बाध गति से सड़क पर बहाये जा रहे घर, चापाकल और गंदे नाले की पानी और ढ़लाई के वक्त लेवलिंग में बरती गयी तकनीकी अनियमितता के कारण बिन बरसात भी सभी खरंजा और पीसीसी पथ पर जलजमाव की समस्या बनी रहती है.